चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन होंगे देश के नए उप राष्ट्रपति

नई दिल्ली। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णनन देश के नए उप राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने उप राष्ट्रपति के पद के चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता मतों की गिनती के आधार पर 152 मतों के बड़े अंतर से हराया।

निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने राधाकृष्ण के निर्वाचित होने की घोषणा करते हुए बताया कि इस चुनाव में निर्वाचक मंडल के कुल 781 सदस्यों में से 767 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जो कुल मतों का 98.2 प्रतिशत है।
मतगणना में वैध पाए गए 752 मतों में से राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 मत और रेड्डी को 300 मत मिले। पंद्रह मत अवैध पाए गए जिनमें डाक से प्राप्त हुआ एक मात्र मत भी शामिल था।

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद कराए गए उपराष्ट्रपति पद के इस चुनाव के लिए अधिसूचना 7 अगस्त को जारी की गई थी और मतदान मंगलवार सुबह दस बजे से उपांच बजे तक नए संसद भवन में कराया गया। दोनों उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मतगणना शाम छह बजे शुरू हुई और करीब डेढ़ घंटे बाद परिणाम घोषित कर दिया गया।

उप राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य होते हैं। इस चुनाव में निर्वाचक मंडल के सदस्यों की कुल संख्या 781 थी जिनमें लोकसभा के 442 और राज्यसभा के 239 सदस्य हैं। जीत के लिए प्रथम वरीयता के 377 मतों की जरूरत थी। राधाकृणन को प्रथम वरीयता के 452 मत मिले जो दोनों सदनों में राजग सदस्यों की कुल संख्या से अधिक हैं। बीजू जनता दल, भारत राष्ट्र समिति तथा शिरोमणि अकाली दल ने पहले ही मतदान में शामिल नहीं होने की घोषणा कर दी थी।

राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राधाकृष्ण को जीत की बधाई दी है। रेड्डी ने भी उन्हें जीत की बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

कौन हैं राधाकृष्णन

राधाकृष्णन इस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक सामान्य कार्यकर्ता से उठ कर देश के दूसरे सर्वाच्च संवैधानिक पर पहुंचे राधाकृष्णन तमिलनाडु की राजनीति में एक सम्मानित नाम हैं। उनका सार्वजनिक जीवन में पांच दशक से अधिक का लम्बा अनुभव है और दक्षिण में भारतीय जनता पार्टी का ध्वज लहराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक हैं। उन्होंने सार्वजनिक जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में शुरु किया और सन 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने।

उन्हें 1996 में तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी का सचिव नियुक्त किया गया। वे 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए तथा 1999 में वह पुनः लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह झारखंड के राज्यपाल भी रहे हैं।

सुदर्शन रेड्डी ने हार स्वीकारी, विपक्षी दलों के नेताओं का जताया आभार

उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है और उन्हें समर्थन देने वाले तमाम बड़े नेताओं का आभार जताया। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद उनके उत्तराधिकारी के लिए चुनाव मंगलवार को संपन्न हुआ।

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद न्यायमूर्ति रेड्डी ने अपने खुले खत में लिखा कि सांसदों ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अपना फैसला सुना दिया है। मैं अपने महान गणराज्य की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अटूट विश्वास के साथ इस परिणाम को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं। यह यात्रा मेरे लिए एक गहन सम्मान की बात रही है, जिसने मुझे उन मूल्यों के लिए खड़े होने का अवसर दिया है जिन्होंने मेरे जीवन का मार्गदर्शन किया है-संवैधानिक नैतिकता, न्याय और प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा।

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि परिणाम मेरे पक्ष में नहीं है, फिर भी जिस व्यापक उद्देश्य को हमने सामूहिक रूप से आगे बढ़ाने का प्रयास किया है, वह कम नहीं हुआ है। वैचारिक संघर्ष और भी ज़ोरदार तरीके से जारी है। मैं विपक्षी दलों के उन नेताओं का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझे अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया। हमारा लोकतंत्र केवल जीत से ही नहीं, बल्कि संवाद, असहमति और सहभागिता की भावना से भी मजबूत होता है। एक नागरिक के रूप में, मैं समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता के उन आदर्शों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं जो हमें एक साथ बांधते हैं। हमारा संविधान हमारे राष्ट्रीय जीवन का मार्गदर्शक बना रहे। मैं नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को उनके कार्यकाल की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देता हूं।