बर्खास्त सीआरपीएफ जवान ने प्रधानमंत्री से लगाई न्याय की गुहार

जम्मू। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से बर्खास्त जवान मुनीर अहमद ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बल से उनकी बर्खास्तगी के संबंध में न्याय दिलाने की अपील की।

मुनीर ने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए इस जघन्य कृत्य के अपराधियों के खिलाफ मोदी के नेतृत्व में सरकार के दृढ़ संकल्प और कार्रवाई की सराहना की।

पाकिस्तानी नागरिक मीनल खान से शादी करने के कारण सीआरपीएफ से सेवा से बर्खास्त मुनीर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके बर्खास्तगी पत्र में लगाए गए सभी आरोप भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण हैं। वह और उनका परिवार सदियों से जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं और पिछली कई पीढ़ियों से जम्मू में भलवाल तहसील के हंदवाल गांव में निवासरत हैं।

उन्होंने कहा कि हमने 1947 में भी जम्मू नहीं छोड़ा, जबकि मीनल खान (उनकी पत्नी और ममेरी बहन) का परिवार पाकिस्तान चला गया था। मेरे मन में अपने देश की सेवा करने की तीव्र इच्छा थी और इसीलिए मैं सीआरपीएफ में शामिल हुआ और पिछले 9 वर्षों से कई कठिन और दूरदराज के इलाकों में सेवा कर रहा हूं।

उन्होंने बताया कि उनकी शादी का फैसला उनकी मां और मामा ने बचपन में ही कर लिया था और साल 2022 में उन्होंने सीआरपीएफ अधिकारियों को पाकिस्तानी नागरिक मीनल खान से शादी करने की अपनी मंशा बताई और इसके लिए अनुमति मांगी। फिर सीआरपीएफ की ओर से 24 नवंबर-2023 को कुछ सवाल उठाए जाने के बाद जवाब देते हुए मेरे 11 सितम्बर-2023 के पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए गए। इसके बाद 18 अक्टूबर-2023 को 5 नवंबर-2023 को विवाह के लिए मंजूरी/एनओसी मांगी गई।

उन्होंने बताया कि 17 नवंबर-2023 को आईजीपी, जम्मू सेक्टर सीआरपीएफ, बान तालाब जम्मू के कार्यालय की ओर से एक पत्र विशेष डीजी, जम्मू और कश्मीर जोन सीआरपीएफ, जम्मू को एक पाकिस्तानी लड़की से विवाह के लिए एनओसी जारी करने के संबंध में भेजा गया था। पत्र में लिखा है कि केन्द्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 21(3) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार यदि कोई सरकारी कर्मचारी भारतीय राष्ट्रीयता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से विवाह करता है, तो उसे इस तथ्य की सूचना भारत सरकार को तुरंत देनी चाहिए।

मुनीर ने बताया कि इसके अनुसार उन्होंने उच्च अधिकारियों से निर्देश मांगे। उन्हें 30 अप्रैल-2024 को सीआरपीएफ नई दिल्ली के पुलिस महानिदेशक के कार्यालय से इसी तरह का उत्तर मिला। उक्त नियम में किसी भी एनओसी का उल्लेख नहीं है। स्थानीय विदेशी पंजीकरण कार्यालय जम्मू ने भी उचित जांच के बाद एलटीवी देने के लिए इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन पर एक विदेशी नागरिक को शरण देने और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप सच से कोसों दूर है।

इस बीच सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा है कि मुनीर को बर्खास्त कर दिया गया है क्योंकि उनके कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। सीआरपीएफ के प्रवक्ता उप महानिरीक्षक एम दिनाकरन ने कहा कि मुनीर अहमद को एक पाकिस्तानी नागरिक से अपनी शादी को छिपाने और जानबूझकर उसके वीजा की वैधता से परे उसे शरण देने के लिए तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उनके कार्यों को सेवा आचरण का उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाया गया।