नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के कथित तौर पर भारत की नागरिकता लेने से पहले यहां की मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर पेश याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने शिकायतकर्ता विकास त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला लिया। अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुरक्षित रख लिया।
त्रिपाठी की याचिका में सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिका में सोनिया गांधी का नाम भारत की नागरिकता हासिल करने से पहले 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया गया था।
याचिकाकर्ता का दावा है कि गांधी ने अप्रैल 1983 में भारत की नागरिकता हासिल की थीं। उनका यह भी दावा है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था। वर्ष 1982 में उसे हटा दिया गया। इसके बाद 1983 में फिर से उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया गया था।