कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के एक मेडिकल छात्र को दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के निकट हाल ही में हुए धमाके के मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अल-फलाह विश्वविद्यालय के एमबीबीएस छात्र निशार आलम को उत्तर दिनाजपुर जिले के व्यस्त सुरजापुर बाजार क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
एनआईए सूत्रों के अनुसार एक विशेष टीम ने अभियान चलाया और निसार को बाजार चौराहे पर हिरासत में लेकर प्रारंभिक पूछताछ के लिए ले गयी। परिवार और स्थानीय निवासियों ने बताया कि निशार का परिवार दशकों से लुधियाना में रहता है लेकिन उनका पैतृक घर दालखोला पुलिस थाना अंतर्गत कोनियाल गांव में है। निशार दो दिन पहले अपनी मां और बहन के साथ एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने गांव आया था। इसी दौरान उसकी गिरफ़्तारी हुई।
लाल किला विस्फोट की जांच कर रहे एनआईए अधिकारियों ने कथित रूप से लुधियाना में निशार के पिता तौहीद आलम से संपर्क किया। पूछताछ के दौरान, जांचकर्ताओं को पता चला कि निशार उत्तरी दिनाजपुर गया हुआ है। इसके बाद एक टीम गुरुवार को उत्तर बंगाल के लिए रवाना हुई और शुक्रवार सुबह पहुंचकर अभियान शुरू किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता निशार के मोबाइल फ़ोन की लोकेशन पर नज़र रख रहे थे, जिससे पता चला कि वह सुरजापुर बाज़ार के पास था।,
लोकेशन के आधार पर एनआईए ने कार्रवाई की और उसे हिरासत में लिया और पहले इस्लामपुर ले गई। परिवार के अनुसार बाद में उसे आगे की पूछताछ के लिए सिलीगुड़ी ले जाया गया। उसकी गिरफ्तारी से परिवार स्तब्ध है। निशार के चाचा अबुल कासिम ने कहा कि वह हमेशा एक शांत और शिष्ट लड़का रहा है। उसने पढ़ाई के अलावा किसी और चीज़ में कभी खुद को शामिल नहीं किया।
उन्होंने कहा कि एनआईए ने जांच के दौरान निशार के कुछ दोस्तों से पूछताछ की होगी जिसके कारण उसे हिरासत में लिया गया है। जब निशार की मां को फ़ोन पर यह जानकारी तो उसके परिवार स्तब्ध रह गया और इस बात पर उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था। उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी निशार को किसी गैरकानूनी गतिविधि से जुड़े होने के बारे में नहीं सुना और उम्मीद है कि जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।
कोनियाल के स्थानीय लोगों ने निशार को एक विनम्र और पढ़ाई के प्रति लगनशील छात्र बताया तथा उसकी कथित संलिप्तता पर आश्चर्य व्यक्त किया। यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए तीन डॉक्टरों के भी अल-फ़लाह विश्वविद्यालय से संबंध पाए गए थे, जिससे संस्थान से संभावित संबंधों को लेकर और सवाल खड़े हो रहे हैं। एनआईए की जांच जारी है।



