भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के बयाना के पीलूपुरा में आरक्षण की मांग को लेकर आठ जून को आयोजित गुर्जर समाज की महापंचायत को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और प्रशासन की तेज होती तैयारियां के बीच आमजन आशंकित हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महापंचायत की सफलता के लिए गुर्जर समाज के लोग गांवों में जनसंपर्क करके पीले चावल बांटने में जुटे हैं। वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं। महापंचायत से पहले भरतपुर के बयाना और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
एमबीसी आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने, रोस्टर प्रणाली को सही करने, देवनारायण योजना का सही क्रियान्वयन करने, आरक्षण आंदोलन के मुकदमों को वापस लेने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर गुर्जर आंदोलन की 17वीं बरसी पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने महापंचायत की घोषणा की है।
इसके बाद सरकार के इशारे पर दो दिन पहले भरतपुर जिला कलक्टर एवं रेंज पुलिस महानिरीक्षक ने सम्भागीय आयुक्त कार्यालय में गुर्जर समाज के एक प्रतिनिधमंडल से मुलाकात भी की जिसे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने नकार दिया और कहा कि इस प्रतिनिधमंडल का संघर्ष समिति से कोई वास्ता नहीं है।
उधर पीलूपुरा में होने वाली महापंचायत को लेकर चल रही तैयारियों को देखते बयाना और उसके आसपास के 50 किलोमीटर के क्षेत्र में आमजन बेहद आशंकित नजर आ रहा है। अतीत में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान घटित घटनाओं की यादें उन्हें डरा रही हैं।
उस आंदोलन के दौरान वर्ष 2006 से 2008 के बीच अलग-अलग जिलों में कुल 72 लोगों की मौत हुई थी। आरक्षण आंदोलन में मचे बवाल के चलते पुलिस की गोलीबारी में दौसा के सिकंदरा में 24 मई 2008 को हिंसक आंदोलन में 22 लोगों की जान चली गई थी।
पांच वर्ष पूर्व नवंबर 2020 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के कारण दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग 11 दिन ठप रहा जिससे रेलवे को करीब 25 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। 26 हजार से अधिक यात्री यात्रा नहीं कर सके। करीब 275 रेलगाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया। इस दौरान भरतपुर-करौली के साथ दौसा, सवाई माधोपुर, जयपुर की पांच तहसीलों और अलवर के कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं भी ठप रही थीं।