मुख्यमंत्री ने भेजा अभिनन्दन पत्र
अजमेर। समीपवर्ती राजगढ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम पर गुरूवार को गुरूपूर्णिमा महोत्सव बाबा भैरव व मां कालिका के जयकारों के बीच धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महाराज ने मुख्य मंदिर पर बाबा भैरव की पूजा अर्चना कर मंदिर परिसर में वृक्षारोपण किया।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि नौ ब्राह्मणों पंड़ित चन्द्रप्रकाश आचार्य, राधेश्याम शर्मा, देवेन्द्र शास्त्री, संजय शास्त्री, लोकेश शास्त्री, मोहित दाधीच, हर्ष दाधीच, कुलदीप दाधीच, लक्ष्मीशंकर शर्मा सान्निध्य में गुरूपूर्णिमा महोत्सव पर सेन रत्न चम्पालाल महाराज ने अपने गुरू की गुरूचरण पादुका प्रक्षालन व पादुका वन्दन कर वैदिक मन्त्रोच्चार के साथ गुरू पूजन किया।
महोत्सव में 50000 से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव, मां कालिका के दर्शन कर सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा कर विशेष चमत्कारी चिमटी प्राप्त की। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा गुरूपूर्णिमा के अवसर पर चम्पालाल महाराज को अभिनन्दन पत्र भेजकर बाबा भैरवनाथ व मां कालिका के आशीर्वाद व मार्गदर्शन में राज्य निरन्तर उन्नति की ओर अग्रसर होने की कामना की।
उक्त अभिनन्दन पत्र केन्द्रीय कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी एवं सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग गिरिश बच्चानी की उपस्थिति में चम्पालाल महाराज को दिया गया। इससे पूर्व अभिनन्दन पत्र पढ़कर सुनाया। चौधरी व देवनानी ने चम्पालाल महाराज के श्रीचरणों में पुष्प अर्पण कर गुरूपूजन किया।
पुष्कर के मशाहूर नगाडा वादक नाथूलाल सोलंकी टीम ने नगाडों की धुन पर बाबा भैरव व मां कालिका के मधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नाचने लगे। भजन गायिका ज्योति सेनी ने भैरव बाबा व मां कालिका के मधुर भजनों से भक्तों का मन मोह लिया।
गुरू पूर्णिमा महोत्सव में शिकरत करने के लिए हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र के साथ प्रदेश के सीकर, झुंझुनूं, अजमेर, केकड़ी, ब्यावर, कोटा, बूंदी, जोधपुर, जयपुर, नगौर, पाली आदि स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने गुरूपूजन कर चम्पालाल महाराज से आशीर्वाद लिया। गैन्दघर वाले बाबा दरगाह नसीराबाद की और से रजी जाफरी सदर ने महाराज की दस्तारबन्दी कर स्वागत किया।
जीवन में अंधकार हटाकर उजाला भरने वाला ही सच्चा सत्गुरू : चम्पालाल महाराज
चंपालाल महाराज ने गुरूपूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरूपूर्णिमा अपने सदगुरू की आराधना का दिवस है। सदगुरू वो है जो सत्य का मार्ग दिखाकर उस पर चलना सिखाए और शिष्यों के जीवन में छाए अंधकार को हटाकर उजाला भर दे। राजगढ़ धाम एकमात्र ऐसा धाम है जहां पर किसी भी प्रकार का दान, चन्दा, चढावा, गुप्तदान, पूजा सामग्री आदि स्वीकार नहीं किया जाता। गुरूपूर्णिमा पर भी किसी भी प्रकार की भेंट स्वीकार नही की गई। इस अवसर पर चम्पालाल महाराज के सान्निध्य में नशा मुक्ति की विशाल रैली भैरवधाम राजगढ़ में निकाल कर श्रद्धालुओं को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई।
अद्भुत चमत्कारी चिमटी का हुआ वितरण
प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि राजगढ़ में गुरूपूर्णिमा महोत्सव में देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला बुधवार शाम से ही शुरू हो गया था। श्रद्धालु मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा करने व विशेष चिमटी प्राप्त करने के लिए लम्बी कतारों में खड़े हो गए। श्रद्वालुओं ने महाराज के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर मसाणिया भैरव एवं कालका माता के दर्शन कर मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा कर विशेष चिमटी प्राप्त की। गुरूपूर्णिमा महोत्सव का समापन भैरव भक्त मण्डल के सदस्य तथा आए हुए श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य गुरूदेव की 1100 दीपकों से महाआरती के साथ हुआ।
जो कुछ भी हूं राजगढ़ धाम की कृपा से हूं : भागीरथ चौधरी
केन्द्रीय कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि जब जब भी भैरव बाबा का बुलावा आता है मैं भैरव धाम दौड़ा चला आता हूं। गुरूपूर्णिमा के अवसर पर आज मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे बाबा के आशीर्वाद से केन्द्रीय मंत्री का पद मिला व बतौर केन्द्रीय मंत्री आज गुरूपूजन करने व आशीर्वाद लेने आया हूं। मैं महाराज से यही आशीर्वाद चाहता हूं कि धाम पर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के साथ देश-प्रदेश की जनता की भी सेवा अंत समय तक करता रहूं।
इन्होंने की पूजा, कार्यकर्ताओं ने सभाली व्यवस्था
प्रेम सिंह गौड, विजय सिंह गौड़, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, दिलीप राठी, नसीराबाद पुलिस उपाधीक्षक जरनैल सिंह, सदर थाना प्रभारी अशोक बिशु, कार्यपालक मजिस्ट्रे ममता यादव, चौकी प्रभारी हरि राठी, कनिष्ठ अभियन्ता विपुल सैनी आदि ने पूजा अर्चना की। व्यस्थापक ओमप्रकाश सेन, रमेश सेन, अविनाश सेन, राहुल सेन, कैलाशचन्द सेन, विष्णु सेन, कपिल सेन, मुकेश सेन, राजू चावड़ा, विजय सिंह रावत, सलीम भाई, सत्यनारायण सेन, कुल्दीप, राजू सिन्धी, पिन्टू नागौरा, मुबारक खान, कमल शर्मा, दीपक बसीटा, रामप्रसाद मौर्य, भूपेन्द्र, कैलाश सेन, महेन्द्र रावत, पुनित जांगीड़, धर्मेन्द्र, चेतन, अमिताभ, ओमप्रकाश आदि ने व्यवस्था संभालने में योगदान दिया।