राजस्थान में भारी वर्षा से कई निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति

जयपुर में विभिन्न इलाकों में जलभराव की स्थिति का जायजा लेते मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।

जयपुर। राजस्थान में मानसून की भारी बरसात का दौर जारी रहने से राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में कई निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई वहीं नदी एवं नाले उफान पर हैं और धौलपुर में चम्बल नदी में जलस्तर खतरे के निशान से नौ मीटर से अधिक ऊपर पहुंच गया हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजधानी जयपुर में विभिन्न इलाकों का दौरा किया और बारिश के कारण जलभराव की स्थिति का जायजा लिया।

मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पिछले चौबीस घंटों में सर्वाधिक वर्षा 230 मिलीमीटर सवाईमाधोपुर के खंडार में दर्ज की गई हैं। इसी तरह सवाईमाधोपुर के ही मलैरनाडूंगर में 220, सवाईमाधोपुर में 210, चौथकाबरवाड़ा में 190, टोंक के निवाई में 170, बारां के शाहबाद में 160, छबड़ा में 150, छीपाबड़ौद में 140, अटरु में 130, किशनगंज 120, कोटा के पीपल्दा में 110, टोंक के वनस्थली, उनियारा-अलीगढ, सवाईमाधोपुर के बौली, दौसा एवं झालावाड़ के मनोहरथाना में 100-100 मिलीमीटर बरसात रिकार्ड की गई। इसी तरह अन्य कई स्थानों पर इससे कम बरसात हुई।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारी बरसात के कारण बीसलपुर, कोटा बैराज ओवरफ्लो चल रहे है जबकि चम्बल नदी ने कई जिलों में खतरे के निशान को पार कर लिया है और निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति बन गई हैं। टोंक के बीसलपुर बांध के तीन गेट एक मीटर तक खोलकर 18030 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

धौलपुर में चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से 9.36 मीटर ऊपर 140.15 मीटर दर्ज किया गया है जबकि करौली के मंडरायल तहसील में चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 165.0 मीटर से 2.25 मीटर ऊपर 167.25 मीटर दर्ज किया गया है वहीं सवाई माधोपुर में के चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 192.0 मीटर से 5.12 मीटर ऊपर 197.12 मीटर पहुंच गया है।

कोटा में पार्वती नदी का जल स्तर खतरे के निशान 2020 मीटर से 3.35 मीटर ऊपर 205.35 मीटर दर्ज किया गया है। कोटा में कोटा बैराज के दो गेट 16 फीट तक खोला गया है जिससे 19236 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है।

कोटा जिले में एनडीआरएफ की एक टीम, एसडीआरएफ की तीन टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है। इसी तरह धौलपुर जिले में एनडीआरएफ की एक , एसडीआरएफ की चार टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवक तथा करौली में एसडीआरएफ की दो टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।

इसी प्रकार सवाई माधोपुर में एसडीआरएफ की दो टीम एवं नागरिक सुरक्षा की 21 स्वयंसेवक एवं टोंक में एसडीआरएफ की तीन टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है।

वर्तमान में मानसून की स्थिति मद्देनजर कमाण्डेंट एनडीआरएफ, वडोदरा से 2 टीमों की अतिरिक्त मांग की गई है जिसे एनडीआरएफ मुख्यालय किशनगढ़, जिला अजमेर एवं जिला मुख्यालय, कोटा में तैनात किया गया है। आपदा प्रबंधन और राहत विभाग ने अतिवृष्टिजनित हादसों की पूर्व रोकथाम के लिए दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान कर सूचना बोर्ड लगाने और स्थानीय नागरिकों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य सरकार ने अपील की है कि निचले इलाकों एवं जल भराव संभावित स्थानों से सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। अंडरपासों में यदि जल भराव है तो अनदेखा न करें। वर्षा के समय जल भराव क्षेत्र में लगे बिजली के खंभों से दूरी बनाकर रखें। नदी नालों पर बनें पुलों पर पानी के तेज प्रवाह होने पर वाहन चालक विशेष सावधानी बरतें।

सभी अधिकारी एवं कार्मिक अपने मुख्यालय पर रहे और जिला और ब्लॉक स्तर से नियमित फीडबैक प्राप्त करें। वर्षाकाल में कई तरह की मौसमी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है। अतः चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं एवं मेडिकल स्टॉफ को सतर्क रखने के लिए निर्देशित किया गया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश के बाद राज्य के आपदा प्रबंधन और राहत विभाग के अधिकारियों ने आमजन को मानसून जनित हादसों से सुरक्षित रखने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसमें विभिन्न विभागों के ग्राम स्तरीय अधिकारियों तक को अलर्ट मोड पर रखकर समन्वय से कार्य करना, आमजन को जागरूक व सतर्क रखने के प्रयास शामिल हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को समय रहते आमजन तक पहुंचाया जा रहा है ताकि समय पर वे सुरक्षित इलाकों में पहुंच जाए।

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि गुरूवार को अजमेर, जयपुर, बीकानेर व जोधपुर संभाग के कुछ भागों में भारी व कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने एवं कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। दक्षिण-पूर्वी भागों में एक अगस्त से भारी बारिश से सामान्य होने की संभावना है। शेखावाटी क्षेत्र एवं बीकानेर संभाग के कुछ भागों में भी एक अगस्त को कहीं-कहीं भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की प्रबल संभावना है। राज्य में दो अगस्त से वर्षा सामान्य रहने की संभावना है।