भाजपा और राजेन्द्र गुढ़ा में कहीं कोई सांठगांठ तो नहीं : रंधावा

जयपुर। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और हाल में मंत्री पद से बर्खास्त राजेन्द्र सिंह गुढ़ा में कहीं कोई सांठगांठ तो नहीं हैं, इसकी जांच की जाएगी।

रंधावा ने शनिवार काूे पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कल मणिपुर को लेकर हमारे विधायक बोल रहे थे, तब हमारे एक मंत्री ने कहा कि मणिपुर को छोड़िए राजस्थान की बात कीजिए। उनकी ऐसी भाषा थी जैसी प्रतिपक्ष के नेता बात करते हैं।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि मंत्री परिषद का सदस्य बयान देता है, तो यह पूरी सरकार का बयान है लेकिन गुढ़ा हमारी सरकार की भावना के साथ नहीं हैं। पहले भी कई बार ऐसी बातें हो चुकी थी और मैंने गुढ़ा को हिदायत दी थी लेकिन फिर भी यह घटना हुई। मुझे नहीं लगता उनके दिमाग से बीएसपी निकली है। उनसे पहले और बाद में नेता प्रतिपक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, ऐसे में लगता है कि कहीं दोनों की सांठगांठ तो नहीं है, इसकी जांच की जाएगी।

रंधावा ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है लेकिन अनुशासन जरूरी है। पार्टी के अंदर कोई भी बोल सकता है, लेकिन बार-बार पार्टी के बाहर सार्वजनिक मंच पर पार्टी विरोधी बात करना गलत है। गुढ़ा को कांग्रेस से निष्कासित के सवाल पर रंधावा ने कहा कि जल्द ही आपके पास संदेश आ जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर राजनीति में चलना है तो सुधरना चाहिए।

कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के बयान को लेकर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मदेरणा परिवार कांग्रेसी परिवार है और उनके दादा परसराम मदेरणा के समय से कभी भी पार्टी विरोधी बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि नौजवान नेता बहुत सेंसिटिव होते हैं और उन्होंने अपने एरिया की बात की, वह उनके सेंटीमेंट थे, लेकिन उन्होंने कभी पार्टी के खिलाफ बात नहीं की है।

रंधावा ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि मणिपुर में पिछले दो महीने से वहां लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं और महिलाओं की तस्वीरें शर्मसार करने वाली आई है। उन्होंने कहा कि वहां के मुख्यमंत्री का कहना है कि ऐसे तो सौ केस हो जाते हैं। यह बहुत शर्मनाक बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर की घटना को राजस्थान से जोड़ा जो शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि वहां सुरक्षा की तैनाती भी भारी होने की बात कही जा रही है लेकिन इसके बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही है तो अब तक तो राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था।