बेंगलूरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु शहर में इस साल की अब तक की हुई सबसे अधिक वर्षा के बाद कई इलाकों में जलभराव के कारण जनजीवन ठप हो गया है। बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में साई लेआउट प्रमुख है।
स्थानीय निवासियों ने आज यहां बताया कि पिछले 24 घंटों में लगभग 40 मिमी बारिश के बाद घरों में पानी भरने के कारण सामान भीग गए और वाहन आंशिक रूप से डूब गए।
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार आज सुबह तक बेंगलुरु में 10.3 मिमी बारिश दर्ज की गई और कई इलाकों में हवा की रफ्तार 50 किमी प्रति घंटे तक रही। विभाग के मुताबिक राज्य में 23 मई को भी भारी बारिश के आसार हैं और आने वाला सप्ताह भी नमी लिये हुए अशांत ही रह सकता है।
आईएमडी के अनुसार बेंगलूरु के साथ राज्य के 22 अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें 22 मई तक लगातार बारिश और आंधी की चेतावनी दी गई है। शहर में 25 मई तक बादल छाए रहने और दोपहर में कुछ स्थानों पर आंधी आने के आसार के साथ ही अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
इस बीच, बाढ़ के कारण बेंगलूरू के निचले इलाकों में कई परिवारों को घर खाली करने पड़े। लोगों ने इसके कारण नालियों के जाम होने और नागरिक सेवाओं की उदासीनता को ठहराया। निवासियों ने दावा किया कि अधिकारियों से बार-बार की गयी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
उधर, बृहत बेंगलूरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) के नवनियुक्त मुख्य आयुक्त एम महेश्वर राव ने साई लेआउट, मान्यता टेक पार्क, नागवारा जंक्शन और थानिसांद्रा सहित प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। भारी बाढ़ के कारण उन्हें साई लेआउट के कुछ हिस्सों में ट्रैक्टर से यात्रा करनी पड़ी।
राव ने इस बाबत त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि रेलवे जल निकासी मार्ग को चौड़ा करने की योजना बनाई जा रही है जो बारिश के पानी के प्रवाह को बाधित कर रहा है। निवासियों ने बारिश के पानी के निस्तारण के लिए एक अस्थायी निकासी मार्ग के निर्माण का अनुरोध किया है।
इस बीच, कई इलाकों में तेज हवाओं के कारण पेड़ों की शाखायें टूटकर गिर गयीं, जिससे यातायात बाधित हुआ। बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने प्रमुख जलभराव वाले मार्गों और वैकल्पिक यात्रा विकल्पों को सूचीबद्ध करते हुए सलाह जारी की है।
अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने, मौसम संबंधी अपडेट का पालन करने और सावधानी बरतने का आग्रह किया है, क्योंकि शहर लंबे समय से मानसून जैसी स्थिति से जूझ रहा है।