अजमेर में हर खास ओ आम के घर करवाचौथ की धूम

अजमेर। विवाहित महिलाओं ने करवा चौथ पर अपने पति की दीर्घायु के लिए रखे जाने वाले उपवास, पूजा अर्चना की परम्परा निभाई। खासे इंतजार के बाद देर शाम चांद के दर्शन हुए और पूजा अर्चना कर विवाहिताओं ने व्रत खोला।

सुबह सूर्योदय से शुरू हुआ यह कठिन व्रत, शाम होते-होते अपने सबसे प्रतीक्षित क्षण तक पहुंचा। सुहागिनों की निगाहें आसमान पर टिकी थीं और जैसे ही चंद्रमा ने दर्शन दिए, मंदिरों और घरों में उत्सव का माहौल बन गया। करवा चौथ भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पर्व है, जो पति-पत्नी के अटूट प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।

दिनभर पारंपरिक परिधान में सोलह श्रृंगार कर, अपने घरों के नजदीकी मंदिरों में जाकर विवाहिताओं ने कथा श्रवण करने के साथ पूजा करने का सिलसिला चलता रहा। चांद दिखने के साथ गली मोहल्लों में छतों पर चांद दिखने की आवाजे गूंजने लगी।

करवाचौथ के उपलक्ष्य में बाजार में भी पूरे दिन खासी रौनक रही। महिलाएं सुहाग का सामान खरीदते हुए नजर आईं। सुहागिनों ने दिन भर निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की। पतियों ने भी सरगी और अन्य तैयारियों में पत्नियों की सहायता की।