इंफाल। मणिपुर पेट्रोलियम डीलर्स फ्रेटरनिटी (एमपीडीएफ) ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन चरमपंथी तत्वों से मिल रही धमकियों और गैर-कानूनी मांगों से सुरक्षा देने में नाकाम रहता है तो पूरे राज्य में 28 दिसंबर को पेट्रोल पंप बंद किए जा सकते हैं।
इस घोषणा के बाद पेट्रोल पंपाें पर वाहनों की भीड़ बढ़ गई और लंबी लाइनें देखी गईं। इससे पहले 13 दिसंबर को धमकी मिलने के विरोध में तेल डिपो बंद कर दिए गए थे। एमपीडीएफ ने कहा कि पिछले 10 दिसंबर को राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद राज्य अधिकारियों से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। वितरकों ने आरोप लगाया कि हथियारबंद लोगों ने बम से उड़ाने की धमकी दी और पैसे की मांग की। यहां तक कि एक तेल डिपो के अंदर ग्रेनेड भी रखा गया था।
एमपीडीएफ ने कहा कि ऐसी धमकियां और गैर-कानूनी मांगें लगातार जारी हैं, जिससे जान-माल को गंभीर खतरा है। उनके पास तब तक काम बंद करने पर विचार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है, जब तक कि पर्याप्त सुरक्षा, हस्तक्षेप और एक स्थायी समाधान सुनिश्चित नहीं हो जाता है।
एमपीडीएफ ने बताया कि डीलर्स राज्य सरकार की ओर से पेट्रोल पर 19.56 रुपए प्रति लीटर (25 प्रतिशत) और डीजल पर 10.11 रुपए प्रति लीटर (13.5 प्रतिशत) की दर से कर (वीएटी) एकत्र करते हैं, जो राज्य का राजस्व है। एमपीडीएफ ने पेट्रोल पंप बंद से होने वाली असुविधा पर दुख जताते हुए जनता से समझ और समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा कि डीलर्स इस समय जीवन-मृत्यु के चौराहे पर खड़े हैं।
इस बीच संभावित बंद की खबरों के कारण अचानक खरीदारी में तेजी आ गई, जिससे इंफाल और अन्य इलाकों में मोटर चालक ईंधन की कमी के डर से पेट्रोल पंप स्टेशनों की ओर दौड़ पड़े। अधिकारियों ने अभी तक एमपीडीएफ के अल्टीमेटम पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।



