ऑपरेशन शिल्ड : मिलिट्री कंपाउंड में एयर स्ट्राइक, आपातकालीन सायरन बजा

अजमेर। जिले में नागरिक सुरक्षा को लेकर सजगता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार शनिवार को द्वितीय सिविल डिफेंस अभ्यास ऑपरेशन शिल्ड का आयोजन किया गया। इस अभ्यास के तहत हवाई हमले की काल्पनिक स्थिति को दर्शाया गया। इसमें शत्रु द्वारा एयर स्ट्राइक के माध्यम से मिलिट्री कंपाउंड पर हमला किया गया।

धमाकों के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र में आपातकालीन सायरन बजा। सभी विभागों को सतर्क किया गया। सायरन की आवाज सुनते ही जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवाएं, स्वास्थ्य विभाग एवं सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर सक्रिय हो गईं। राहत एवं बचाव कार्यों की शुरुआत तत्काल की गई। फायरब्रिगेड घटना स्थल पर पहुंच गई। घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया और गंभीर रूप से घायल लोगों को त्वरित रूप से एंबुलेंस के माध्यम से अस्थाई अस्पताल भेजा गया। प्रशासन की गाड़ियों से भी घायलों को ले जाया गया।

इस अभ्यास का नेतृत्व कलक्टर लोकबंधु द्वारा किया गया। उन्होंने मौके पर पहुंचकर संपूर्ण राहत कार्य की निगरानी की और सभी विभागों की तत्परता एवं रिस्पॉन्स टाइम को जांचा। जिला कलक्टर ने पूर्व मॉक ड्रिल से मिले अनुभवों को आधार बनाते हुए इस बार और बेहतर समन्वय स्थापित करने को जोर दिया ।

अभ्यास के दौरान सेना भी पूर्ण रूप से मुस्तैद रही। सेना के अधिकारियों ने जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर ड्रिल को वास्तविकता के करीब पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाई। सिविल डिफेंस ने आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही की। पुलिस द्वारा घटना स्थल से अस्थाई चिकित्सालय के मार्ग को आपातकालीन परिस्थिति के अनुसार यातायात रहित रखा गया।

रेजिडेंस कंपाउंड स्थित बहुमंजिला इमारत में भी मॉक रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इस दौरान फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ, मेडिकल स्टाफ और सिविल डिफेंस कर्मियों ने पूर्ण समन्वय के साथ कार्य किया। घटनास्थल पर घायलों की सहायता जैसी परिस्थितियों को सजीव रूप में प्रदर्शित किया गया। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गजेन्द्र सिंह राठौड़ के निर्देशन में परिसर की बार-बार जांच कर पीड़ित व्यक्तियों की खोज की गई। घायलों के कीमती सामान को सुरक्षित रखा गया। इनके स्वास्थ्य में सुधार होने पर कीमती सामान संबंधित व्यक्तियों को सुपुर्द किया गया। प्रशासन द्वारा लगातार घायलों के स्वास्थ्य पर नजर रखी गई।

सायरन सुनते ही आम नागरिकों से अपेक्षित सधी हुई प्रतिक्रिया देखने को मिली। राहगीरों ने तत्काल सुरक्षित स्थानों की ओर रुख किया। इससे अभ्यास में जन सहभागिता का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत हुआ।

मिशन स्कूल में बनाया अस्थाई अस्पताल

मॉक ड्रिल में मिशन स्कूल परिसर में बनाए गए अस्थाई अस्पताल में आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए त्वरित चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं। जिला कलक्टर श्री लोक बंधु के निर्देशन में स्थापित अस्थाई चिकित्सालय में हादसे के दौरान घायल हुए व्यक्तियों को तत्काल उपचार के लिए लाया गया। यहां माय भारत, राष्ट्रीय सेवा योजना, स्काउट तथा सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों ने घायलों के उपचार में सहयोग प्रदान किया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्स्ना रंगा के मार्गदर्शन में चिकित्सा दल द्वारा घायलों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया। सामान्य चोट वालों को हरा, साधारण घायल को पीला तथा गंभीर घायलों को हरे टैग से चिह्नित किया गया था। गंभीर रूप से घायल दो व्यक्तियों टेग संख्या 7 एवं 8 की स्थिति को देखते हुए उन्हें तुरंत जेएलएन अस्पताल रेफर किया गया।

अस्थाई अस्पताल में नियुक्त चिकित्सक दल के साथ प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ के द्वारा घायलों का उपचार किया गया। घायलों के घावों की सफाई कर दवाइयों का प्रयोग किया गया और आवश्यकतानुसार पट्टियां भी बांधी गईं। चिकित्सकों की सतर्कता और त्वरित निर्णय क्षमता के कारण सभी को समय पर उपचार मिल सका। मौके पर जीवन रक्षक दवाओं के साथ-साथ 30 युनिट रक्त भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया।

अजमेर में आधे घण्टे के लिए रहा ब्लैक आउट

अजमेर में शनिवार को आधे घण्टे के लिए ब्लैक आउट रखा गया। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने बताया कि जनहानि से बचने के लिए शनिवार को रात्रि 7.30 बजे से 8 बजे तक आधे घण्टे का ब्लैक आउट किया गया। रात्रि 7.30 बजे साइरन की आवाज तथा अन्य वैकल्पिक माध्यमों से ब्लैक आउट आरम्भ होने की सूचना दी गई। इसमें समस्त रोड लाईटें बन्द रखी गई। आमजन ने स्वैच्छा से अपनी लाईटें बन्द कर दी।

उन्होंने बताया कि ब्लैक आउट का उद्देश्य जन हानि को रोकने के लिए दृश्यता कम करना होता है। रात्रि के समय आबादी वाले क्षेत्रों की पहचान नहीं हो सकेगी। लाइट बंद रखने की प्रक्रिया ऑटो जनसेट तथा इनवर्टर से संचालित स्थलों के लिए भी अपनाई गई। वाहन का उपयोग लेते समय ब्लैक आउट की घोषणा होते ही वाहन की हैडलाईट बंद कर चालक एक तरह खड़े हो गए। जिला कलक्टर ने ब्लैक आउट में सहयोग करने के लिए आमजन का आभार जताया।