दिल्ली कोर्ट का नेशनल हेराल्ड मामले में आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार

नई दिल्ली। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत ने मंगलवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया।

इस आदेश से मामले में नामित अन्य पाँच आरोपियों को भी राहत मिली है। अदालत ने हालांकि कहा कि यदि ईडी चाहे तो अपनी जांच जारी रखने के लिए स्वतंत्र है। अदालत ने टिप्पणी की कि पंजीकृत प्राथमिकी के अभाव में धन शोधन की जांच और उसके आधार पर दायर की गई अभियोजन शिकायत कायम नहीं रह सकती।

अदालत ने कहा कि इस तरह की शिकायत के आधार पर धन शोधन के लिए कानूनी कार्यवाही भी स्वीकार्य नहीं है। किसी निजी व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत पर संज्ञान लेना कानूनी रूप से मान्य नहीं है। अदालत ने कहा कि मामले के गुण-दोषों पर अन्य तर्कों की जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

ईडी के आरोप पत्र में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डॉटैक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को नामजद किया गया था, जिसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित 2,000 करोड़ रूपए से अधिक की संपत्ति के गलत अधिग्रहण का आरोप लगाया गया था।

कांग्रेस ने अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘सत्य की जीत’ बताया और दोहराया कि यह मामला राजनीति से प्रेरित था। कांग्रेस ने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि अदालत ने उसके नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को अवैध और उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर पाया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि पिछले एक दशक में उसके खिलाफ की गई कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित थी और कहा कि अदालत के अवलोकनों ने जांच के पीछे की दुर्भावनापूर्ण मंशा को उजागर कर दिया है।

कांग्रेस ने ईडी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में न तो कोई धन शोधन हुआ और न ही कोई संपत्ति हस्तांतरण हुआ है तथा न ही अपराध से संपत्ति अर्जित की गई है।

अदालत ने ईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए यह भी टिप्पणी की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में कोई मूल या अनुसूचित अपराध दर्ज नहीं किया था। अदालत ने कहा कि ऐसे अपराध के अभाव में, यह स्पष्ट नहीं था कि धन शोधन की जांच कैसे की जा सकती है।

पार्टी ने सत्य के लिए लड़ने और हर भारतीय के अधिकारों की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हम न तो डर सकते हैं और न ही कभी डरेंगे, क्योंकि हम सत्य के लिए लड़ते हैं। सत्यमेव जयते।