सेबी के नाम पर साइबर धोखाधड़ी का नया जाल, पुलिस ने निवेशकों को चेताया

जयपुर। साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं, और अब उन्होंने निवेशकों को ठगने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) जैसे प्रतिष्ठित वित्तीय नियामक के नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

इस सम्बन्ध में राजस्थान पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए आम जनता और निवेशकों को इस नये धोखाधड़ी के जाल से सावधान रहने को कहा है। पुलिस ने साफ किया है कि धोखेबाज सेबी के फर्जी लेटरहेड, पुनर्प्राप्ति प्रमाण पत्र और यहां तक कि सील का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि वे सेबी अधिकारी बनकर लोगों को ठग सकें।

पुलिस अधीक्षक (साइबर अपराध) शांतनु कुमार ने सोमवार को बताया कि साइबर अपराधी इन दिनों निवेशकों को ऐसे संदेश या आदेश भेज रहे हैं, जो देखने में बिल्कुल सेबी से जारी हुए लगते हैं। इन फर्जी दस्तावेजों में सेबी का लेटरहेड और पुनर्प्राप्ति प्रमाणपत्र की हूबहू नकल होती है, जिससे पहली नज़र में इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। वे खुद को सेबी का अधिकारी बताते हैं और निवेशकों को विभिन्न बहाने बनाकर झांसे में लेते हैं। उनका मकसद निवेशकों की मेहनत की कमाई हड़पना होता है।

उन्होंने इस धोखाधड़ी से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके बताए हैं, जिनकी मदद से किसी भी आदेश या नोटिस की प्रामाणिकता की पुष्टि की जा सकती है। इसके तहत सेबी के किसी भी आदेश की उसकी वेबसाइट पर जाकर सत्यापित करने करने की सलाह दी है। सेबी ने बताया है कि वह केवल अपने आधिकारिक ई-मेल पते से ही आदेश जारी करता है।