देश में एक नई तानाशाही प्रवृत्ति आ रही है सामने : अशोक गहलोत

नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर बहुत ज्यादा घमंडी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है और एक नई तानाशाही प्रवृति सामने आ रही हैं।

गहलोत ने रविवार को यहां मीडिया से कहा कि मोदी के बोल और उनकी पार्टी का घमंड, अब यह अति हो गई और मोदी जिस प्रकार दौरे करते हैं, पानी के अंदर एवं आकाश आदि यह तमाम बातें केवल चुनाव जीतने के लिए जनता में एक संदेश पहुंचाना हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनावी एंगल ज्यादा लगता है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में क्या हो रहा है जहां मुख्य सचिव सरकार चला रहा है, यह पूरा प्रदेश कह रहा है। संविधान के अनुसार काम नहीं हो रहा है और देश में एक नई तानाशाही प्रवृति सामने आ रही हैं। गहलोत ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में अगर ये लोग चुनाव जीत गए तो पता नहीं आगे चुनाव होंगे या नहीं। जनता को समझना होगा नहीं तो इससे बाद में सबको तकलीफ होगी और यह सबको भुगतना पड़ेगा।

उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले देश में हिन्दु-मुसलमान को दो हिस्सों में बांटा जाता था, अब हिन्दुओं को दो हिस्सों में बांटने का काम किया जा रहा हैं और राम भक्तों को दो समूहों में बांट दिया गया है जो लोग उनकी पार्टी में हैं वे राम भक्त हैं और जो पार्टी में नहीं वे राम भक्त नहीं हैं। वे कौन होते हैं यह प्रमाणपत्र जारी करने वाले।

गहलोत ने कहा कि जनता समझदार है और वह सब समझ रही है। इंदिरा गांधी हार गई थी, वाजपेयी के समय सरकार चली गई थी और आज जो लग रहा है लेकिन कल क्या होगा यह वक्त बताएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की तैयारी बहुत अच्छी चल रही है और लगभग सभी जगह गठबंधन हो गया या प्रक्रियाधीन है। इंटरनल सहमति बन चुकी हैं और महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बिहार सहित सब जगह गठबंधन हो गया है और दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तो घोषणा भी कर दी गई हैं और शेष आखिरी चरण में हैं।

गहलोत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी यात्रा में जनता की जो प्रतिक्रिया मिल रही है, वह सराहनीय है और लोग राहुल गांधी के मुद्दों पर सहमति जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी महंगाई, बेरोजगारी, प्यार मोहम्बत एवं भाईचारा और अमीर एवं गरीब की खाई को समाप्त करने की बात रहे रहे हैं जो राष्ट्रीय मुद्दे हैं लेकिन इन मुद्दों पर राजनीति की जा रही है। देश किस दिशा में जाएगा कोई पता नहीं है।