Home Breaking दही हांडी में 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे नहीं लेंगे हिस्सा : सुप्रीम कोर्ट

दही हांडी में 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे नहीं लेंगे हिस्सा : सुप्रीम कोर्ट

0
दही हांडी में 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे नहीं लेंगे हिस्सा : सुप्रीम कोर्ट
under 18 cannot participate in Dahi Handi festival in maharashtra : Supreme Court
under 18 cannot participate in Dahi Handi festival in maharashtra : Supreme Court
under 18 cannot participate in Dahi Handi festival in maharashtra : Supreme Court

नई दिल्‍ली। जन्माष्टमी पर आयोजित होने वाली दही हांडी प्रतियोगिता पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दही हांडी में पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ऊपर नहीं रखी जाएगी और 18 साल से कम उम्र के बच्‍चे इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।

सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि हमने भगवान श्री कृष्ण के मक्खन चुराने के बारे में तो सुना है, लेकिन करतब दिखाने के बारे में नहीं सुना।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पुरानी याचिका का निस्तारण हो चुका है, याचिका को दोबारा शुरु किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र सरकार की दही हांडी के मामले में दाखिल अर्जी पर सुनवाई कर रहा है।

महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जन्माष्टमी पर होने वाले दही हांडी को लेकर स्पष्ट निर्देश की मांग की थी। महाराष्ट्र सरकार ये जानना चाहती थी कि दही हांडी के लिए बनने वाले मानव पिरामिड और उसमें बच्चों की भागीदारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश है या नहीं?

इसके साथ ही राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 2014 के आदेशों में स्पष्टता देने को कहा था, जिसमें 12 साल तक के बच्चों को दही हांडी में हिस्सा लेने की इजाजत दी गई थी और हाईकोर्ट के 20 फुट की ऊंचाई सीमित करने के आदेश पर रोक लगा दी थी।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 11 अगस्त 2014 को बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 18 साल से कम के युवक दही हांडी में हिस्सा नहीं ले सकते और इसकी ऊंचाई भी 20 फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

इसके बाद आयोजकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए 12 साल तक के बच्चों को हिस्सा लेने की इजाजत दे दी थी और ऊंचाई के आदेश पर भी रोक लगा दी थी। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका का निपटारा कर दिया।