Home Breaking मेरठ : कैंट बोर्ड ने गिराई 210 बी इमारत, पांच लोगों की दबने से मौत

मेरठ : कैंट बोर्ड ने गिराई 210 बी इमारत, पांच लोगों की दबने से मौत

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मेरठ : कैंट बोर्ड ने गिराई 210 बी इमारत, पांच लोगों की दबने से मौत
5 killed after building collapse during demolition drive in meerut
5 killed after building collapse during demolition drive in meerut
5 killed after building collapse during demolition drive in meerut

मेरठ। सदर हनुमान चौक स्थित 210बी इमारत पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद कैंट बोर्ड की नींद टूटी तो कार्यवाही की हड़बड़ी ने पांच लोगों को मौत की नींद सुला दिया।

बिना किसी सूचना के शनिवार सुबह दिन निकलने से पहले लाव-लश्कर के साथ माॅल 210 बी पहुंचे। आरोप है कि लाख मिन्नतों के बावजूद सीईओ राजेश श्रीवास्तव और सीईई अनुज चौधरी ने लोगों को संभलने का मौका तक नहीं दिया और ध्वस्तीकरण शुरू करा दिया। जिसमें दबकर पांच लोगों की मौत हो गई। इस पर लोगों ने बवाल कर दिया। भाजपा सांसद से लोगों ने हाथापाई की तो सीईओ के घर में तोड़फोड़ की।

210बी इमारत के समीप बने दुकान में सो रहे कर्मचारियों को जगाने गए शर्माजी अमृतसरी नान वाले करीब 65 वर्षीय दीपक शर्मा और उनके 23 वर्षीय पुत्र आकाश शर्मा उर्फ हनी समेत पांच लोग मलबे में दब गए। यह नजारा देख कैंट बोर्ड के अधिकारी सामान छोड़कर मौके से भाग निकले।

हादसे की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने एक प्राइवेट चालक को बुलाकर कैंट बोर्ड की पोर्कलेन मशीन से मलबा हटवाना शुरू किया। इसी बीच गाजियाबाद से आई एनडीआरएफ की पैंतालीस सदस्यों की टीम ने कमांडर पीके श्रीवास्तव और असिस्टेंट कमांडर नीरज कुमार के नेतृत्व में रेसक्यू ऑपरेशन शुरू किया।

इस दौरान डीआईजी लक्ष्मी सिंह और एसएसपी जे रविन्द्र गौड़ सहित टीम ने मलबे में दबे पांच लोगों को बाहर निकलवाया, लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद सैकड़ों लोगों की गुस्साई भीड़ ने छावनी परिषद कार्यालय और सीईओ अनुज चैधरी के घर पर धावा बोल दिया।

कैंट बोर्ड का कार्यालय बंद होने के चलते कार्यालय के बाहर लगे बोर्ड को तोड़कर आग के हवाले कर दिया, वहीं सीईओ के घर पर न मिलने पर घर के बाहर गमलों आदि को तोड़ डाला। उधर, घटना के बाद मौके पर पहुंचे भाजपा सांसद का विरोध करते हुए क्षेत्र के लोगों ने उनसे हाथापाई कर डाली।

दरअसल, लोग इस बात खफा थे कि सांसद ने उन्हे आश्वासन दिया था कि उनकी रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से बात हो चुकी है और मॉल नहीं टूटेगा। सांसद को किसी प्रकार बचाकर बाहर निकाला गया।

व्यापारियों ने किया हंगामा

घटना से गुस्साए व्यापारियों ने संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता के साथ सदर, आबूलेन और बेगमपुल का बाजार बंद कराते हुए जमकर हंगामा किया।

मामले की जानकारी मिलने पर व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष अरूण वशिष्ठ, भाजपा महानगर अध्यक्ष करूणेश नंदन गर्ग, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, कांग्रेस की पूर्व लोकसभा प्रत्याशी नगमा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनय प्रधान और बसपा से कैंट सीट के प्रत्याशी सतेन्द्र सोलंकी सहित विभिन्न राजनैतिक दलों और सामाजिक संस्थाओ से जुड़े लोग मौके पर पहुंच गए और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए घटना के लिए जिम्मेदार छावनी परिषद के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

पूर्व अभिनेत्री नगमा ने मृतक की पत्नी चित्रा शर्मा को ढ़ाढ़स बंधाया। उधर, घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में व्याप्त हुुए मौके पर एक कंपनी पीएसी, कई थानों की फोर्स और कई सीओ को तैनात किया गया है। एसपी सिटी ओपी सिंह और एसपी देहात डा. प्रवीण रंजन पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।

घटना में मारे गए पंडिज जी नान वाले दीपक शर्मा के परिजनों ने छावनी परिषद के अधिकारियों पर जान-बूझ कर बुल्डोजर चलवा कर दीपक और उनके पुत्र आकाश की हत्या कराए जाने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने मृतक दीपक, आकाश, बिट्टू, गोविंदा और ओमवीर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं घायल दीपक के बड़े भाई जितेन्द्र उर्फ बादशाह और राजू को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां जितेन्द्र की हालत गंभीर बनी है।

संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने बताया कि छावनी परिषद के सीईओ राजेश श्रीवास्तव सीईई अनुज चैधीर सहित कैंट बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ सदर थाने में तहरीर दी गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

कैंट बोर्ड अफसरों पर हत्या का मुकदमा

मेरठ कैंट में सदर हनुमान चैक स्थित 210बी बिल्डिंग पर कैंट बोर्ड की ध्वस्तीकरण कार्यवाही के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों ने कैंट बोर्ड के सीईओ राजीव श्रीवास्तव समेत चार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, सदर बाजार थाने में सांसद व कैंट विधायक के अलावा व्यापारियों ने घेराव करते हुए जबर्दस्त हंगामा कर दिया।

गुस्साई भीड़ का कैंट कार्यालय और सीईओ के घर पर हमला

घटना के बाद गुस्साई हजारों की भीड़ ने छावनी परिषद के कार्यालय पर धावा बोल दिया। चूंकि आज माह का द्वितिय शनिवार होने के कारण कैंट बोर्ड कार्यालय बंद था, इसलिए गेट पर ताला लगा देख भीड़ कार्यालय के भीतर दाखिल नहीं हो सकी। गुस्साए लोगों ने कैंट बोर्ड कार्यालय के बाहर लगे बोर्ड को उखाड़कर आग के हवाले कर दिया और कार्यालय में पथराव करते शीशे आदि तोड़ डाले।

इसके बाद गुस्साई भीड़ सीईईओ राजेश श्रीवास्तव के आवास पर पहुंची, लेकिन वह भी आवास पर नहीं मिले। इसके बाद भीड़ ने सीईईओ के घर के बाहर रखे गमले आदि तोड़ डाले। आनन-फानन में एसपी सिटी ओपी सिंह और एसपी देहात प्रवीण रंजन मौके पर पहुंचे और भीड़ को खदेड़ते हुए वहां से भगाया।

एसपी बोले आग लगवाकर भाग रहे हो

घटना के बाद सीईईओ राजेश श्रीवास्तव अपने आवास ने छावनी एरिया के लिए रवाना होने लगे तो एसपी सिटी की उनके तीखी नोंकझोंक हुई। एसपी सिटी ओमप्रकाश ने उनसे यहां तक कह दिया कि जब आपके बस का नहीं था तो बिना जानकारी के मॉल क्यों तोड़ा, अब पांच लोगों की मौत के बाद शहर में आग लगवाकर भाग रहे हो।

व्यापारियों ने बंद कराया बाजार, मेरठ बंद की चेतावनी

घटना के बाद संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता के नेतृत्व में व्यापारियों ने आबूलेन, सदर और बेगमपुल का बाजार बंद करा दिया। नवीन गुप्ता ने बताया कि कैंट बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ तहरीर दी गई है। उन्होंने मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही न होने पर मेरठ बंद की चेतावनी दी है।

जिन्हें मुफ्त रोटी खिलाई उन्होंने ही मार डाला

इनसे वफादार कुत्ता है, जो एक बार किसी घर की रोटी खाने के बाद उस घर के किसी सदस्य पर नहीं भौंकता। जिंदगी भर जिन्हें मुफ्त की रोटियां खिलाते रहे उन्होंने ही आज मेरे पति को जान से मार डाला। यह बात घटना के बाद बिलखती दीपक की पत्नी चित्रा चिल्ला कर कह रही थीं।

उन्होंने बताया कि करीब बीस वर्ष पूर्व उनके जेठ जितेन्द्र और पति दीपक ने इस क्षेत्र में नान का ठेला लगाना शुरू किया था। कुछ वर्षाे पूर्व अपना सब कुछ दांव पर लगाकर दोनों भाइयों ने कर्जा करके आरआर मॉल मे दुकान खरीदी, जिसे बाद में छावनी परिषद के अधिकारियों ने अवैध घोषित कर दिया।

उन्होंने बताया कि छावनी परिषद के अधिकारी और कर्मचारियों से दीपक कभी पैसे नहीं लेते थे। यहां तक कि कैंट बोर्ड की जो टीम ध्वस्तीकरण के लिए आनी थी उसमें शामिल पच्चीस लोगों को शुक्रवार को दीपक ने मुफ्त खाना खिलाया था, इसके बावजूद दीपक पर बुल्डोजर चलाते उनका दिल नहीं पसीजा।

क्षेत्र की महिलाओं ने बताया कि दीपक के परिवार में दो विवाहित पुत्रियां हैं। उनका अपना कोई पुत्र नहीं था, जिसके चलते उन्होंने अपने रिश्तेदार से आकाश को बचपन में ही गोद ले लिया था। दीपक और आकाश की मौत के बाद अब परिवार में कोई पुरूष बाकी नहीं बचा।

मेरी छाती से गुजरेगा बुल्डोजर

कहते हैं कि कभी-कभी इंसान की जुबान पर सरस्वती का वास होता है। ऐसा ही कुछ शायद दीपक के साथ हुआ। बताया जाता है कि बीती 19 जून को जब छावनी परिषद की टीम मॉल के ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची तो दीपक शर्मा जेसीबी के सामने खड़ा हो गया था। इस दौरान उनकी सीईई अनुज चैधरी से जमकर नोंक-झोंक हुई थी।

उन्होंने अपनी रोजी-रोटी की दुहाई देते हुए उससे अधिकारियों से साफ कहा था कि यदि उसकी दुकान टूटेगी तो बुल्डोजर उसकी छाती से होकर गुजरेगा। उस समय शायद दीपक को यह गुमान भी न होगा कि उसकी कही बात कुछ ही दिनों में सच साबित हो सकती है।

क्षेत्र के लोगों में दहशत

जिस प्रकार छावनी परिषद के अधिकारियों ने शनिवार को मॉल तोडऩे की कार्रवाई की, उसे लेकर क्षेत्र के लोगो में दहशत बनी हुई है। दरअसल, कोर्ट ने मॉल के साथ ही अन्य अवैध निर्माणों को गिराने के भी आदेश दिए हैं। हालांकि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद अब कुछ लोगों का यह भी कहना है कि शायद अब कैंट बोर्ड ध्वस्तीकरण की हिम्मत न जुटा सके।