Home Breaking हिन्दुआें को हिन्दू राष्ट्र बनाने से कोई नहीं रोक सकता : साध्वी सरस्वती

हिन्दुआें को हिन्दू राष्ट्र बनाने से कोई नहीं रोक सकता : साध्वी सरस्वती

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हिन्दुआें को हिन्दू राष्ट्र बनाने से कोई नहीं रोक सकता : साध्वी सरस्वती
6th akhil bharatiya hindu adhiveshan goa
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फोंडा। भारत में आज सर्वत्र आक्रमण हो रहे हैं। कश्मीर को भारत से तोडने के प्रयत्न चल रहे हैं। अमरनाथ यात्रा रोकने के प्रयत्न हो रहे हैं। भारतमाता-गोमाता की आज निंदा हो रही है। स्वतंत्र भारत में हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था तथा हिन्दू अधिवेशन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है, परंतु विरोधक ध्यान रखें कि देश की कोई भी शक्ति हिन्दू राष्ट्र बनने से नहीं रोक सकती।

एक सनातन, हिन्दू जनजागृति समिति पर यदि प्रतिबंध लगाया, तो उनमें से सहस्रों सनातन उत्पन्न होंगे। भगवा आतंकवाद ऐसा कुछ नहीं है। देश, धर्म के लिए समर्पित जीवन ही भगवा है। ये विचार छिंदवाडा मध्यप्रदेश की सनातन धर्म प्रचार सेवा समिति की अध्यक्षा साध्वी सरस्वती ने व्यक्त किए।

वे फोंडा, गोवा स्थित रामनाथी देवस्थान के विद्याधिराज सभागृह में हो रहे षष्ठ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में पहले दिन संपन्न उद्घाटन सत्र में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दू समाज और संतसमाज के संगठन की आवश्यकता इस विषय पर बोल रही थीं।

अधिवेनशन का प्रारंभ शंखनाद कर किया गया। इसके पश्‍चात साध्वी सरस्वती, उत्तरप्रदेश स्थित हिन्दू स्वाभिमान मठ की राष्ट्रीय अध्यक्षा यति मां चेतनानंद सरस्वती, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी और सनातन संस्था के धर्मप्रसारक नंदकुमार जाधव के करकमलों से दीपप्रज्वलन किया गया।

इस अधिवेशन में भारत के 21 राज्यों सहित नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका से 132 से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के 538 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित हैं। इस समय हिन्दू जनजागृति समिति समर्थित लोकतंत्र में फैली दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध प्रत्यक्ष कार्य नामक हिन्दी तथा मराठी भाषिक ग्रंथों का विमोचन किया गया।

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हिन्दू वीरत्व धारण करें : मां चेतनानंद सरस्वती

केवल हिन्दू धर्म ही खरा मानवतावादी धर्म है। संसार में हिन्दू धर्म बचेगा तो ही मानवता की रक्षा हो सकेगी। इतिहासकाल से जब-जब हिन्दुआें पर आक्रमण हुए हैं, तब-तब हिन्दुआें ने क्षात्रवृत्ति से प्रतिकार कर उन्हें लौटाया है। सनातन धर्म आक्रमणों का प्रतिकार करना सिखाता है। आज भी हिन्दू धर्म पर अनेक आघात हो रहे हैं। इन आघातों के प्रतिकार और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए प्रत्येक हिन्दू को स्वयं में वीरत्व धारण करना पडेगा, ऐसा आवाहन यति मां चेतनानंद सरस्वती ने किया।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही सर्व समस्याआें का समाधान

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि एक ओर हम कहते हैं कि संविधान ने सभी को समान अधिकार दिया है, परंतु उसी समय पाठशाला में हिन्दुआें को धर्मशिक्षा नकारी जाती है और अहिन्दुआें को वह लेने का अधिकार है। आज केवल हिन्दुआें के मंदिरों का सरकारीकरण किया जाता है। हिन्दुआें के मंदिरों का पैसा सामाजिक कार्य के लिए उपयोग में लाया जाता है, इसके विपरीत अन्य धर्मियों के धार्मिक स्थल कभी भी अधिगृहित नहीं किए जाते। समान नागरी कानून हिन्दुआें के लिए ही अनिवार्य है। ऐसे लोकतंत्र में हिन्दुआें को क्या कभी न्याय मिलेगा? वर्तमान राज्यव्यवस्था हिन्दू धर्मीय एवं भारतभूमि की रक्षा करने में असफल सिद्ध हुई है। इसलिए हिन्दू राष्ट्र ही सभी समस्याआें का समाधान है। हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हमारा केवल विचार नहीं, व्रत है और संवैधानिक अधिकार उपयोग कर हम उसे अवश्य पूरा करेंगे।

देश पर अंग्रेजों द्वारा लादा गया झूठा लोकतंत्र हटाना ही पडेगा

पूरे देश में हिन्दू-संगठन का कार्य करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति का आज फ्रिंज ऑर्गनाइजेशन कहकर उपहास किया जा रहा है। भारत तेरे टुकडे होंगे, ऐसे नारे लगाने वालों पर आज प्रतिबंध नहीं हैं, तो लोकतांत्रिक मार्ग से हिन्दू राष्ट्र का समर्थन करनेवाले हिन्दू अधिवेशन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। भारत में मुसलमान आक्रमणकारी एवं अंग्रेज आने से पूर्व भारत एक समर्थ हिन्दू राष्ट्र था। हमारे पास कौटिल्य का अर्थशास्त्र था, स्थापत्यशास्त्र, नृत्यशास्त्र आदि सबकुछ समृद्ध था। ऐसी स्थिति में हमें हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए अलग ब्लू प्रिंट बनाने की क्या आवश्यकता है? हम तो इस देश पर अंग्रेजों द्वारा लादा गया झूठा लोकतंत्र हटाने की ब्लू प्रिंट तैयार कर रहे हैं, ऐसा ओजस्वी मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना की भूमिका इस विषय पर बोलते समय किया।

हिन्दू संगठनों और संतों का संगठन, काल की आवश्यकता

वर्तमान में, हिन्दू समाज के सामने गोरक्षा, लव जिहाद, धर्मांतर जैसी अनेक समस्याएं हैं। इनका निराकरण करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर प्रयत्न कर रहा है । इतना प्रयत्न पर्याप्त नहीं है। इसके लिए अब व्यापक संगठन की आवश्यकता है। इसलिए, विचारकों, संप्रदायों, अधिवक्ताआें, हिन्दुआें के संगठनों और संतों का संगठन करना कालानुरूप आवश्यक है, ऐसा मार्गदर्शन सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. नंदकुमार जाधवजी ने किया। वे हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित रूप से कार्य करने की आवश्यकता और हिन्दू-संगठन की दिशा विषय पर मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे।

हिन्दुआें के हित में आवाज उठाते समय कितना भी विरोध हो, पीछे नहीं हटूंगा

वर्तमान सरकार के संकुचित दृष्टिकोण के कारण न तो राममंदिर की स्थापना हो पाई और न गो-हत्या पर प्रतिबंध लग पाया। भ्रष्टाचार, हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्या, हिदुत्वनिष्ठों का दमन अभी भी जारी है। हिन्दुआें के हित में बोलते समय कितना भी विरोध हो, पीछे नहीं हटूंगा। वर्तमान भ्रष्ट और अनैतिक समाज व्यवस्था हटाने के लिए हिन्दुत्ववादी कार्य करने वाले हैं। यह मेरी मातृभूमि है, यह मेरा राष्ट्र है, यह आवाज अंतरात्मा से आने दें, ऐसा आह्वान सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने किया।