Home Delhi आप में बगावत के सुर, विधायक पंकज पुष्कर विधानसभा से बाहर

आप में बगावत के सुर, विधायक पंकज पुष्कर विधानसभा से बाहर

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आप में बगावत के सुर, विधायक पंकज पुष्कर विधानसभा से बाहर
AAP MLA Pankaj Pushkar gets thrown out of assembly for criticising arvind kejriwal govt
AAP MLA Pankaj Pushkar gets thrown out of assembly for criticising arvind kejriwal govt
AAP MLA Pankaj Pushkar gets thrown out of assembly for criticising arvind kejriwal govt

नई दिल्ली। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी(आप) में बगावत के सुर तेज हो गए हैं।

तिमारपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक पंकज पुष्कर ने सोमवार को विधानसभा सत्र में 9वी में फेल हुए छात्रों का मुद्दा उठाते हुए सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठाया,जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें मार्शल द्वारा बाहर करवा दिया।

उल्लेखनीय है कि पंकज पुष्कर ने 9वीं की मध्यावधि परीक्षा में राजधानी के तीन लाख में से सवा दो लाख छात्रों के फेल हो जाने का मुददा सदन में उठाया था।

उन्होंने इतनी बडी संख्या में फेल हुए बच्चों के अवसादग्रस्त हो जाने की आशंका जतायी थी,जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें सदन की मर्यादा का दोषी बताते हुए बाहर करा दिया ।

सदन से बाहर पकंज पुष्कर ने कहा,’ 17 अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय ने 9वीं के बच्चों की एक विशेष परीक्षा ली थी । इस परीक्षा में प्रत्येक स्कूल में केवल 20 प्रतिशत छात्र पास हुए । ऐसे में शिक्षा विभाग एवं दिल्ली के शिक्षा मंत्री कैसे आराम से सो सकते हैं।

मैं इस मुददे पर नियम 280 के तहत चर्चा करना चाहता था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने मेरी बात को महत्व नहीं दिया। उलटे मुझे ही असंवैधानिक व्यवहार का दोषी बताकर विधानसभा से बाहर कर दिया।

उन्होंने बताया कि पिछले एवं वर्तमान सत्र में सभी विधायकों, मंत्रियों एवं उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया था फिर भी इस मुददे पर कोई बात नहीं करना चाहता है।

पुष्कर के अनुसार, शिक्षा के संबंध में लाए गए दोनों विधेयकों में शिक्षा सुधार के उपायों का कोई जिक्र नहीं है। ये विधेयक केवल निजी स्कूलों के हितों का पोषण करते हैं । शिक्षा के एक विधेयक में फीस के नियमितीकरण की बात नहीं है, बल्कि खाते की जांच की बात कही गई है।

पुष्कर ने कहा कि अगर मेरी यह बात सरकार विरोधी है तो ऐसा ही सही। सरकार मेरे खिलाफ जो भी कार्रवाई करेगी मुझे मंजूर है। लेकिन मैं ऐसा कुछ भी नहीं होने दूंगा जिससे दिल्ली की जनता को नुकसान हो।

उन्होंने कहा कि विधानसभा पांखड का गढ़ बन चुकी है। अध्यक्ष पद बैठे व्यक्ति ने संविधान की मर्यादा का उल्लंघन किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने मेरी बात बिना सुने मुझे बाहर कर दिया।

पार्टी के लोगों को ही नहीं सुना जा रहा तो आम आदमी सरकार से क्या उम्मीद रखेगा। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ यदि अदालत जाने की जरूरत पड़ी तो मैं वहां भी जाउंगा।