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एबीवीपी पदाधिकारियों निर्णय के खिलाफ एबीवीपी कार्यकर्ताओं का धरना

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एबीवीपी पदाधिकारियों निर्णय के खिलाफ एबीवीपी कार्यकर्ताओं का धरना
Abvp workers agitation at govt collage sirohi for suspention of their leaders
Abvp workers agitation at govt collage sirohi for suspention of their leaders

सबगुरु न्यूज-सिरोही। कथित रूप से संगठन से अधिकृत लोगों की सहमति के बिना ही सिरोही राजकीय महाविद्यालय के एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की घोषणा करने वाले पदाधिकारियों के निष्कासन के खिलाफ एबीवीपी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने रविवार को राजकीय महाविद्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।

नगर मीडिया प्रभारी मनीष प्रजापत ने बताया कि शनिवार को जोधपुर प्रान्त संगठन मंत्री मांगीलाल चौधरी ने संगठन के कर्मठ, निष्ठावान्, दायित्ववान कार्यकर्ता प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नारणाराम चौधरी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गोपाल माली, जिला सहसंयोजक अनिल प्रजापत को निष्कासित कर दिया। प्रजापत ने बताया कि इन तीनों कार्यकर्ताओं को कुछ दिनों पहले पिण्ड़वाड़ा में हुए अभ्यास वर्ग में चुनाव समिति सदस्य बनाया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि संगठन मंत्री ने किसी के प्रभाव में आकर जिला संयोजक व नगर मंत्री पर दबाव बनाकर साई लक्ष्मी होटल में गोपनीय बैठक आयोजित कर प्रेस नोट जारी करवाया। संगठन की रीति-निति और कार्य पद्धति के विपरित जाकर निष्कासन से कार्यकर्ता हताश एवं आक्रोशित हैं। कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन करते हुए संगठन मंत्री के फैसले का विरोध किया।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने रात दिन मेहनत करके संगठन को मजबूत बनाने में अथक सहयोग किया, उन्हीं को संगठन मंत्री ने किसी के प्रभाव में आकर बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने इसे गलत तथा संगठन की कार्यपद्धति के खिलाफ बताया।
जिला सहसंयोजक लोकेश अग्रवाल ने बताया कि इन कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय छात्रों की सहायता से लेकर सामाजिक स्तर तक संगठन को मजबूती प्रदान की, लेकिन संगठन मंत्री ने गलत तरीके से कार्यकर्ताओं का निष्कासन कर दिया जिसका वे विरोध करते हैं।

नगर सहमंत्री पिण्ड़वाड़ा छुट्टनलाल मीणा ने बताया कि सिरोही ईकाई के कर्मठ कार्यकर्ताओं को नाजायज तरीके से हटाकर संगठन को कमजोर करने का कार्य किया है। शैलेश चैधरी ने कहा कि जो हमेशा संगठन के लिए जमीनी स्तर पर टीम भावना से कार्य करते थे उनको संगठन के संगठन मंत्री ने बिना सर्वसम्मति से निष्कासित किया, जिसका वे कड़ा विरोध करते हैं।

कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे संगठन के साथ हैं तथा साथ ही रहेंगे। इस अवसर पर महाविद्यालय इकाई अध्यक्ष कृष्ण देवासी, उपाध्यक्ष शैतान सैन, बलवन्त माली (नगर उपाध्यक्ष), प्रफुल्ल मिश्रा (नगर मंत्री पिण्ड़वाडा), अजय कुमार प्रजापत, दिनेश चैधरी, वाघेन्द्र देवासी, तौसिफ खांन, भावेश खत्री, अवधेश आढ़ा, भरत चैधरी, महेन्द्र माली, रमेश मेघवाल आदि सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
-अब नेताओं की सांप छछुंदर की स्थिति
एबीवीपी में शुरू हुआ यह विवाद विद्यार्थियों से ज्यादा महाविध्यालय के बाहर के स्थानीय नेताओं की देन है। पिछले तीन सालों ने इन नेताओं ने महाविद्यालय में महत्वाकांक्षा का जो खेल खेला है उसी का परिणाम यह हुआ कि पूर्व अध्यक्ष नारायणाराम चौधरी, गोपाल माली और संयोजक अनिल प्रजापत ने कथित रूप से संगठन के उच्च अधिकारियों की सहमति के बिना ही सुरेश देवासी को एबीवीपी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करके प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।

इधर, जिग्नाशा रावल को पहले ही भाजपा के स्थानीय नेताओं की ओर से एबीवीपी के प्रत्याशी के रूप में मूक सहमति मिल गई थी और उसने 17 अगस्त से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को जब सुरेश देवासी को प्रत्याशी घोषित करने की बात सामने आई तो जिग्नाशा के समर्थक स्थानीय नेता ने एक कद्दावर नेता को फोन घनघनाया।

सुरेश देवासी के नाम की घोषणा का विरोध जताया तो कद्दावर नेता ने जिग्नाशा समर्थक को अगले साल इंतजार का कहते हुए बहलाने की कोशिश की, लेकिन जिग्नाशा समर्थक भी भडक गए और उन्होंने ने सिरोही विधानसभा आगामी चुनाव में अन्य प्रत्याशी घोषित करवाने की चुनौति दे डाली इस पर कद्दावर भाजपा नेता के पांव से जमीन सरक गई।

सूत्रों की मानें तो बाद में उन्होंने इस सबमें हस्तक्षेप नहीं करने का कौल किया। जब एबीवीपी के प्रदेश संगठन मंत्री मांगीलाल चैधरी सिरोही आए तो उन्होंने सुरेश देवासी के अध्यक्ष पद के लिए घोषणा को अनुशासनहीनता बताते हुए शनिवार को जिग्नाशा रावल को एबीवीपी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया। अनुशासनहीनता के कारण नारायणलाल चैधरी, गोपाल माली तथा अनिल प्रजापत को एबीवीपी से निलंबित कर दिया।
-सोशल मीडिया पर भिड लिए दो नेता
इधर, यह सब कुछ चल रहा था उधर, शनिवार रात को सोशल मीडिया पर बने भाजपा के समुह में भाजपा के दो पदाधिकारी आपस में एबीवीपी के प्रत्याशी की घोषणा को लेकर आपस में भिड लिए। स्थिति यह पहुंची की एक पदाधिकारी ने दूसरे को समुह से बाहर करने तक का कह दिया। भाजपाइयों में रविवार सवेरे इसे लेकर जबरदस्त चर्चा और विनोद भी होता रहा।

वैसे छात्र संघ चुनावों को लेकर सिरोही में बडी हास्यास्पद स्थिति देखने को मिलती है, यहां पर छात्रसंघ चुनावों की चर्चा और बहस महाविद्यालय के वर्तमान और पूर्व छात्रों से ज्यादा वह लोग करते दिखते हैं जिन्होंने कभी महाविद्यालय की ओर रुख तक नहीं किया। या जो ओपन स्कूलों और विश्वविद्यालयों से दसवी और स्नातक की परीक्षाएं दे रहे हैं या पास किए हुए हैं।

यह हालात तब हैं जब महाविद्यालयों के पूर्व अध्यक्षों या पदाधिकारियों की राजनीतिक हस्ती देख चुके हैं। सिरोही महाविद्यालय का कोई भी अध्यक्ष किसी भी राजनीतिक पार्टी से इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद का दावेदार नहीं हो सका है। यहां पिछले तीन दशकों से दोनों ही राजनीतिक पार्टियों से महाविद्यालय छात्रसंघ के पदाधिकारियों के इतर व्यक्ति ही विधायक पद पर लडा और चुना गया है। इसके बाद भी छात्रसंघ चुनाव के लिए छात्रों का बाहरी नेताओं की कठपुतली बनना समझ से परे है।