Home India City News बिहार के परिणाम के बाद पश्चिम बंगाल में कमर-कसती बीजेपी

बिहार के परिणाम के बाद पश्चिम बंगाल में कमर-कसती बीजेपी

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बिहार के परिणाम के बाद पश्चिम बंगाल में कमर-कसती बीजेपी
After defeat in the bihar assembly elections bjp alert and to Focus on West Bengal
After defeat in the bihar assembly elections bjp alert and  to Focus on West Bengal
After defeat in the bihar assembly elections bjp alert and to Focus on West Bengal

कोलकाता। बिहार विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद पश्चिम बंगाल राज्य बीजेपी में चिंता और तनाव का माहौल रहना स्वाभाविक है | 2016 में पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं और उसके ठीक पहले देश के शासक दल बीजेपी की ऐसी करारी हार चिंता का विषय होने लाजमी है ।

पश्चिम बंगाल राज्य बीजेपी में एक बार फिर दो गुटों के बीच झमेले उजागर होते नज़र आ रहें हैं | रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी और जय बनर्जी जैसे चर्चित चेहरे एक गुट का हिस्सा है, जो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राहुल सिन्हा के अगुवाई का विरोध करते आई है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के चुनावों के परिणाम निकलने के बाद सोमवार को इस प्रतिद्वंदी दल ने राज्य के पूर्व सभापति सत्यब्रत मुखर्जी की अगुवाई में एक बैठक की।

इस बैठक में इन नेताओं ने एक समान्तर तरीके से दल को चलाने की परिकल्पना की है | यह बैठक मौलाली इलाके के युवा केंद्र में हुई | इस बैठक को विजया सम्मेलनी का नाम दिया गया था मगर सूत्रों से खबर है कि इस बैठक में राज्य के काम-काज तरीके को बदलने की परिकल्पना की गई।

इन लोगों का कहना है कि अगर राज्य में दल के काम-काज करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आता है, तो बचे-कुचे सीटों से भी दल को हाथ दल धोना पड सकता है। उदहारण देते हुए इन नेताओं ने राज्य के अध्यक्ष के खिलाफ तीन प्रमाण दिए हैं।

इन नेताओं ने आरोप लगाया कि दल के अन्य नेताओं के इच्छा के विरुद्ध अध्यक्ष कुनीति, गुटों के बीच झमेला और हिंदुत्ववाद जैसे काम करते हैं | इस बैठक में सत्यब्रत के अलावा आर. के. हांडा, आर. के. मोहंती, विधुसेखर शास्त्री, तापस बनर्जी और जिला के अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।

इन नेताओं का कहना है कि केंद्र नेतृत्व को राज्य में नेतृत्व को बदलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्य के कई नेता बहुत दिनों से केंद्र से यह मांग कर रहें हैं | इन नेताओं ने राज्य के प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से मिलकर उनसे भी इस बदलाव की मांग की थी।

केंद्र नेतृत्व का कहना है कि राज्य की जिम्मेदारी देने लायक चेहरा उन्हें अबतक नहीं मिला है | सोमवार को हुई इस बैठक में भाग लेते नेताओं में कई लोगों ने खुद को इस जिम्मेदारी का काबिल दावेदार घोषित किया।| सत्यब्रत ने इस बैठक के बाद कहा कि अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए दल को एकजुट होकर काम करना होगा।

इस बैठक में रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी और जय बनर्जी, तीनों ने पार्टी के कर्मियों को कमर कस लेने का निर्देश दिया।| इस बैठक में नेताओं का कहना था कि बिहार में चुनावों के परिणाम से बंगाल के चुनावों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।| इन नेताओं का मानना है कि बिहार में जातिवाद की राजनीति होती है, मगर पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं है |

इन नेताओं ने कहा कि यहाँ के लोग तृणमूल की सरकार को पलटना चाहते हैं और इतनी जल्दी बामफ्रंट को सत्ता में देखना नहीं चाहते हैं, जिससे बीजेपी एक अच्छे विकल्प के रूप में उभर सकता है।| उल्लेखनीय है कि चुनाव के लिए केंद्र ने बीजेपी में कुछ समितियों का गठन किया है, जिसके शीर्ष पर दिलीप घोष है।|

इन समितियों में से एक आन्दोलन समिति है, जिसमे रूपा गांगुली को रखा गया है।| इस दिन हुई बैठक में यह निर्णय हुए कि पश्चिम बंगाल के प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय 18नवम्बर को मेदिनीपुर में एक जनसभा में हिस्सा लेंगे। इसके बाद 20 से25 नवम्बर तक ब्लाकों में कई तरह के काम-काज किये जाएँगे।

दिसम्बर महीने में प्रदेश बीजेपी के कर्मी हर जिले में आन्दोलन करेंगे | उल्लेखनीय है कि बिहार में मिली करारी हार के बाद बीजेपी ने अपने काम-काज की तीव्रता बढाते हुए यह साफ़ कर दिया है कि अगले वर्ष राज्य में होने वाले चुनावों में वो तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है।