Home India City News ममता मृत्यु प्रकरण: सिरोही में निकाली रैली

ममता मृत्यु प्रकरण: सिरोही में निकाली रैली

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सिरोही। गत माह स्वरूपगंज थाने में कोजरा निवासी ममता मेघवाल की मौत (पुलिस के अनुसार आत्महत्या) के मामले में कोजरा व आसपास के गांवों से आए ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय रैली निकाली एवं मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच सीबीआई से करवाने तथा मृतका व हत्या का शिकार हुए अशोक कुमार के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिलवाने की मांग की। रैली में शामिल लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।…
कोजरा के ग्रामीणा निर्धारित कार्यक्रम के तहत सिरोही पहुंचे एवं पुराना स्टेंड के समीप एकत्रित हुए। यहां से सभी हाथों में तख्तिय लेकर रैली के रूप में रवाना हुए। ग्रामीणों को वैसे रैली के साथ कलेक्ट्री जाना था, लेकिन मार्गदर्शन के अभाव में शहर में घुस गए। रैली के रूट परिवर्तन पर पुलिस परेशान हो गई एवं आनन-फानन में गाडिय़ों को घुमाकर रैली के पीछे लगाया गया। शहरी रास्तों से अनजान रैली जहां इच्छा हुई उस ओर बढ़ती गई।

जेल परिसर में घुसने का भी कोशिश
विभिन्न मार्गों से होते हुए रैली अहिंसा सर्किल पहुंची एवं यहां जेलरोड की ओर बढ़ गई। कारागाह नजदीक आने पर इसी प्रकरण में वहां बंद दो युवको से मिलने की चाह में जेल परिसर की ओर बढ़ गई। आक्रोशित लोगों की मंशा भांपते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में अधिकारी जेल के प्रवेश द्वार पर पहुंचे एवं लोगों को समझाया व मुख्य मार्ग से कलक्ट्री के लिए रवाना किया। ग्रामीणों की पुलिस अधिकारियों से बहस भी हुई।

हालात देखकर बुलाई आरएसी
रैली में शरीक लोगों में बढ़ते रोष व एहतियात को देखते हुए पुलिस को आरएसी के साथ पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता बुलवाना पड़ा। अम्बेड़कर सर्किल पर रैली पहुंचने पर रैली में शरीक कुछ युवक उग्र होने लगे। लेकिन, पुलिस की तादाद व तेवर देखते हुए सभी शांत हो गए एवं सभी भाटकड़ा सर्किल होते हुए डीआरडीए के समीप पहले से लगाए गए शामियाने में पहुंचकर सभा में तब्दील हो गए। यहां पूर्व विधायक संयम लोढ़ा भी शरीक हुए एवं सम्बोधित किया।

थाने में क्या हुआ कि ममता की मौत हो गई-लोढ़ा
कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि यह सच्चाई सामने आनी चाहिए कि सरूपगंज पुलिस थाने में मृतका ममता के साथ ऐसा क्या हुआ उसने मौत को गले लगा दिया। उन्होंने कहा कि यदि अशोक की मौत की वजह से ममता को मरना होता तो 30 सितम्बर को अशोक के मरने के बाद वो अगले एक दो दिन में ही यह कदम उठा लेती, पुलिस थाने में उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार हुआ कि उसने थाने में मौत को गले लगा दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में अपराधियों की भूमिका निभाई।

उन्होने कहा कि पूरे प्रकरण की सच्चाई तभी सामने आएगी जब सीबीआई से जांच करवाई जाएगी। पीडि़त परिवार ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में राज्यपाल कल्याणसिंह से मिलकर मामले के पूरे परचे बताए। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार दोषी अधिकारियों को बचाना चाहती है। उन्होंने कहा सरकार बताएं कि आईपीएस अधिकारियों का तबादला 8-9 माह में क्यों किया जाता है। उन्होंने सरकार से पूछा कि एस पी राजीव पचार का स्थानान्तरण शराब तस्करी के मामले में लिप्त भाजपा नेता का नाम तस्करों की सूची से नहीं निकालने के लिए किया गया।

पहले रोका, फिर जाने दिया
लोढ़ा के नेतृत्व में लोग जिला कलक्टर को ज्ञापन देने रवाना हुए तो उन्हें मुख्य प्रवेश द्वार पर रो· लिया गया। बाद में उच्चाधिकारियों से बात करने पर प्रवेश दिया गया। पांच लोगों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जांच सीबीआई को सौंपने व पंद्रह दिन में जांच करवाने, मुआवजा दिलवाने आदि मांगें की गई। यह भी चेतावनी दी गई कि समय रहते जांच के आदेश नहीं दिए गए तो जिलेभर के लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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