Home Gujarat Ahmedabad दोशी 31 मई ग्रहण करेंगे संयम मार्ग

दोशी 31 मई ग्रहण करेंगे संयम मार्ग

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अहमदाबाद। सिरोही जिले के मंडार के रहने वाले दिल्ली के 58 वर्षीय उद्योगपति एवं श्री जीरावला पाश्र्वनाथ जैन तीर्थ के सचिव भंवरलाल दोशी अगले वर्ष 31 मई को अहमदाबाद में सांसारिक जीवन छोड़कर संयम मार्ग ग्रहण करेंगे। यह घोषणा रविवार को आचार्य जयघोषसूरी की निश्रा में आचार्य गुणरत्न सूरीश्वर महाराज ने हजारों श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति में अहमदाबाद में दीक्षा का शुभ मुहूर्त प्रदान करते हुए की।…
अपने सांसारिक जीवन में बालकाल से भंवर भाई धर्म से जुड़े रहे ओर सिरोही काॅलेज में बी. काम की शिक्षा ग्रहण करने के बाद वे व्यवसाय के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गए। दिल्ली में अपनी डीआर प्लास्टिक कंपनी में करोड़ों रुपए का व्यापार करके अपनी आय का अधिकांश हिस्सा धार्मिक कार्यों में लगाकर पुण्य अर्जित करने वाले भंवर भाई दिल्ली के अनेक धार्मिक ट्रस्टों में जुडे़ तथा वहां पर ऐसा डंका बजाया कि जैन शासन में उन्होंने अल्प आयु में विशिष्ठ स्थान बना लिया।
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मंडार जैन संघ का अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने अतिप्राचीन जिनालय वरमाण का जीर्णोद्धार का कार्य हाथ में लिया ओर अल्पकाल में वहां पर विशाल जिनालय का निर्माण पूरा करवाकर उसकी प्रतिष्ठा भी अपने कार्यकाल में करवाई। देश के अनेक तीर्थों में जिनालय निर्माण, प्रतिमा भराने, प्रतिमा विराजमान करवाने, उपासरे, भोजनशाला, धर्मशालाएं सहित अनेक दान पुण्य के कार्यों में स्वद्रव्य का उपयोग उन्होंने कर जिनशासन में एक विशिष्ठ स्थान पाया।

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दीक्षा लेने के आतुर भंवर भाई ने इसके लिए पिछले 6 वर्षों से धर्म कर्म के कार्यों, उपधान, तपस्या, पुस्तकों व ग्रंथों का अध्ययन एवं साधु संतों के साथ रहने की आदत अपने जीवन में डालते हुए व्यापार की जगह धर्म में ज्यादा समय देने लगे। रविवार को अहमदाबाद में 13 आचार्य भगवंतों, 500 साधु साध्वियों, 10 हजार श्रावक-श्राविकाओं से खचा खच भरे पंडाल में अब तक 338 दीक्षा दिलाने वाले आचार्यश्री गुणरत्न सूरीजी ने दीक्षा का मुहूर्त की घोषणा की तो पंडाल दीक्षार्थी अमर रहो के जयनाद के साथ गूँज उठा ओर मुहूर्त मिलते ही दीक्षार्थी भंवर हर्षित हो उठे।

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मुहूर्त के पहले उनका भव्य वरघोड़ा निकाला गया। इसमें जगह-जगह पर देशभर से आए जैन समाज के विशिष्ठ श्रेष्ठीवर्यों ने दीक्षार्थी का अभिनंदन कर उन्हें शुभकामनाएं दी। अनेक आचार्य भगवंत ने दीक्षार्थी के दीक्षा के प्रति बने भावों से जनता को अवगत करवाते हुए दीक्षार्थी को श्रेष्ठ संयम जीवन का आशीर्वाद दिया। दीक्षा मुहूर्त समारोह के प्रारंभ में जीवदया प्रेमी कुमारपाल भाई वी. शाह (धोलका) पावापुरी जीव मैत्रीधाम के संस्थापक चैयरमेन संघवी बाबू काका, जीरावला पाश्र्वनाथ जैन तीर्थ के चैयरमेन रमण भाई (मोनेटेक्स) व उपाध्यक्ष रमेश भाई मुत्ता ने दीप प्रज्ज्वलित किया।

इस अवसर पर अनेक जैन संतों, ट्रस्टों के पदाधिकारी एवं उद्योगपति उपस्थित थे। दीक्षा लेने वाले भंवर भाई दोशी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन मंे संयम मार्ग ग्रहण करने की भावना हिलोरे ले रही थी, लेकिन उन पर अनेक धार्मिक कार्यों का उत्तरदायित्व था, जिसको मैं पूरा करते करते अब में दीक्षा लेने की तरफ बढ़ रहा हूं। अपने परिजनों से दीक्षा की अनुमति मिलने में हो रहे विलंब पर उन्होंने अंत में अपनी ईच्छा की सीधी घोषणा करके आगे कदम बढ़ाया। घोषणा के बाद परिवारजनों ने उन्हें आन बान व शान के साथ खुशी के माहौल में संयम मार्ग पर विदा करने के लिए भव्य तैयारियां प्रारंभ कर दी।
दीक्षार्थी को दीक्षा की शुभकामना व अनुमोदना करते समय श्रावक, श्राविकाओं, परिवारजनों, मित्रों, सहयोगियों व अतिथियों के आंखों में खुशी के आशुओं की रसधारा बहने लगी। मारवाड के मंडार गांव में भंवरभाई के पहले अन्य सपूतों ने भी संयम का मार्ग ग्रहण किया है, जिसमें आचार्य वादिदेवसूरी का नाम जैनशासन में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।