Home Rajasthan Ajmer अजमेर दरगाह दीवान की गद्दी को लेकर सूफी संत के वंशजों में विवाद

अजमेर दरगाह दीवान की गद्दी को लेकर सूफी संत के वंशजों में विवाद

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अजमेर दरगाह दीवान की गद्दी को लेकर सूफी संत के वंशजों में विवाद
amidst the controversial feud in ajmer dargah sharif dewan's family
805th annual Urs of Ajmer sharif Dargah khwaja garib nawaz
805th annual Urs of Ajmer sharif Dargah khwaja garib nawaz

अजमेर। राजस्थान में अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोईनुददीन हसन चिश्ती के दरगाह दीवान की गद्दी को लेकर नया विवाद पैदा हो गया है जब वर्तमान दीवान जेनुअल आबेदीन के छोटे भाई ने अपने आपको गद्दीनशीन घोषित कर खानकाह पर कब्जा कर लिया।

सूफी संत की खानकाह में मंगलवार शाम हुए इस घटनाक्रम के बाद जायरीन में दीवान पद को लेकर असमजंस की स्थिति पैदा हो गई है। दरगाह में स्थित खानकाह में दोनों पक्ष गद्दीनसीं को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे है।

दरगाह के दीवान जेनुअल आबेदीन ने कहा कि खानकाह के इतिहास में एक दीवान के रहते कोई दूसरा गद्दीनशीन नहीं हो सकता और यह गद्दी वंशानुगत होने के कारण दीवान के नहींं रहने पर उसका ज्येष्ठ पुत्र ही वारिश होता है।

उन्होंने कहा कि दरगाह दीवान की गद्दी को लेकर उच्चतम न्यायालय ने भी 1987 में अपना फैसला देते हुए उन्हें ही दीवान घोषित किया था।

उन्होंने कहा कि उस समय चले विवाद में दरगाह कमेटी ने भी एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीमकोर्ट से यह गद्दी कमेटी को सौंपने का आग्रह किया था लेकिन न्यायालय ने इस आग्रह को ठुकराते हुए निर्देश दिए कि दरगाह कमेटी दीवान को मान्यता देगी लेकिन उसके अधिकार पर हक नहीं जाएगी।

उन्होंने दावा किया कि खानकाह के इतिहास के अनुसार वह अभी दरगाह दीवान के पद पर बने हुए हैं और खानकाह मौरूषि के अनेक समर्थक उनके साथ है।

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