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इलायची की महक बिखेरता ‘मदिकेरी’

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इलायची की महक बिखेरता ‘मदिकेरी’

दक्षिण भारत का नाम सुनते ही केरल के बैक वाटर्स का सौन्दर्य और हाउसबोट जहन में आते है। जबकि भारत के हिस्से में और भी पर्यटन स्थल है जो अभी भी पर्यटकों की पहुंच से दूर है। जैसे कि मदिकेरी, ऐसा शहर जहां फूलों, इलायची और काली मिर्च की खुशबू जिंदगी की कुछ टेंशन कम कर देगी।

कर्नाटक के कूर्ग जिले में बसा यह शहर सभी को अपनी ओर एकाएक आकर्षित करता है। समुद्र तल से 1525 मीटर ऊंचाई पर बसा यह ऐसा शहर है जहां चारों और सिर्फ पहाड़ियां, ठंडी हवाएं, हरे जंगल, कॉफी के बागान हैं। यह खुबसुरत हिल स्टेशन मधुकेरी और मरकरा जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।

अद्भुत नजारें

मदिकेरी के राजा सूरज को उगते व डूबते देखा करते थे और इस जगह को साउथ की सबसे अच्छी जगह मानी जाती है। यहां के किले के भीतर महल है। इसके अंदर मंदिर था जिसका नाम वीरभद्र मंदिर था जिसे अंग्रेजों ने तुड़वा कर इसकी जगह एक चर्च बनवाया। फिलहाल इस चर्च की जगह एक म्यूजियम है और 1933 में यहां क्लॉक टॉवर और पोर्टिको बनाया गया था। यहां से ऊंचे पहाड़, हरी-भरी वादियां, धान के खेत के जबर्दस्त नजारे दिखते हैं। यहां से मैंगलोर की सड़क का नजारा सबसे अद्भुत है।

वाइल्डलाइफ सेंचुरी और झरना

मदिकेरी से 7-8 किमी की दूरी पर अब्बे झरने का संकरा सा रास्ता है, जिसके कारण यहां पहुचनें के लिए कॉफी के बगानों से गुजरना पड़ता है। 50 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी को देखकर आपको सुकुन मिलेगा। जबकि नागरहोल वाइल्डलाइफ सेंचुरी का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा जंगल से घिरा हुआ है। एडवेंचर के शौकिनों के लिए यह जगह काफी रोचक है। यह मदिकेरी से मदज 80 किमी दूर है। नागरहोल के अलावा तालकावेरी, पुष्पागिरि और ब्रह्मागिरी की छोटी लेकिन पक्षियों व जानवरों से भरी सेंचुरियां भी देख सकते हैं। ये सभी मदिकेरी से 75 किलोमीटर की रेंज में हैं।

ऐसे पहुंचे मदिकेरी

मदिकेरी के पास मंगलौर एयरपोर्ट है, जहां से मदिकेरी करीब 135 किलोमीटर दूर है। ट्रेन से मदिकेरी जाने के लिए मैसूर सबसे पास का रेलवे स्टेशन है। मदिकेरी में और भी जगह है जैसे कि ओमकारेश्वर मंदिर, भागमंडल, तालकावेरी, हरंगी बांध, नल्कनाद महल, मंडलपट्टी हिल्स आदि। मदिकेरी में कई ऐसे ट्रैकिंग स्थल हैं, जहां आप ट्रैंकिंग का मजा भी ले सकते हैं।

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