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अंतरकलह में व्यस्त भाजपा ने खोई दोनों पंचायत समिति सीटें

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अंतरकलह में व्यस्त भाजपा ने खोई दोनों पंचायत समिति सीटें
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। पद लोलुपता और चापलूसी में फंसी सिरोही भाजपा ने पंचायत समिति उपचुनावों में सिरोही जिले की दो सीटों को गंवा दिया है। इसका परिणाम गुरुवार को आया और मंगलवार को मतदान हुआ था।
आबूरोड पंचातयत समिति के वार्ड संख्या 15 तथा रेवदर पंचायत समिति के वार्ड संख्या 14 में मंगलवार के उपचुनाव हुए थे। आबूरोड में हुए चुनावों में 7273 मतदाताओं में से 3175 मतदाताओं ने तथा रेवदर में 6079 मतदाताओं में से 2099 मतदाताओं ने मतदान किया था। इसकी मतगणना गुरुवार को हुई।

इसमें आमथला ग्रामपंचायत जैसे क्षेत्र को समाहित किए आबूरोड पंचायत समिति के वार्ड संख्या 15 में कांग्रेस प्रत्याशी संतोष को 1862 तथा भाजपा प्रत्याशी सविता को 1229 मत मिले, वहीं 84 मत नोटा में पडे। इसी तरह अनादरा पंचायत समिति को समाहित किए रेवदर पंचायत समिति के वार्ड संख्या 14 में कांग्रेस प्रत्याशी जमना कुमारी को 1184, भाजपा प्रत्याशी बदीदेवी को 850 तथा नोटा में 65 मत पडे थे।

सिरोही में कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा ने इसे भाजपा के कुशासन के प्रति जनता का आक्रोश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन सालों में भाजपा ने लोगों पर सिर्फ महंगाई, भ्रष्टाचार और अन्याय थोपा है। इस कुशासन से आजीज आकर लोगों ने सिरोही में कांग्रेस को चुना है।
-दोनों पंचायत समिति भी भाजपा की
सिरोही में उपचुनाव में कांग्रेस के हाथ लगी पंचायत समिति चुनावों की दोनों ही सीटें भाजपा की थी। 2015 में हुए पंचायत समिति चुनाव में आबूरोड वार्ड संख्या 15 में भाजपा की अमरीदेवी जीती थी। उन्हें तब 2611 मत मिले थे। तब यहां पर कांग्रेस की प्रत्याशी प्रीति थीं, जिन्हें 1256 मत मिले थे।

भाजपा की पंचायत समिति सदस्य अमरी देवी के इस्तीफा दे देने से यह सीट खाली हुई थी और यहां पर उपचुनाव हुए थे। आबूरोड पंचायत समिति में कांग्रेस का बोर्ड है।
इसी तरह रेवदर पंचायत समिति के वार्ड संख्या-14 में पंचायत समिति के मुख्य चुनावों में भाजपा की पंखीकुमारी जीती थी, जिन्हें तब 1553 मत मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी रेखा मीना को 1125 मत मिले थे। यह पद पंचायत समिति सदस्य की मृत्यु होने के कारण रिक्त हुई थी और उपचुनाव करवाए गए थे।

यहां पर सांसद देवजी पटेल समर्थित निर्दलीय पुंजाराम प्रधान हैं। यहां प्रधान पद को लेकर सांसद देवजी पटेल और स्थानीय विधायक जगसीराम कोली के मध्य जबरदस्त खींचतान उस समय चली थी और भाजपा का प्रधान पद का कोली समर्थित उम्मीदवार हार गए थे।