Home India City News पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण पर आरोपी की तरह चलेगा मुकदमा

पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण पर आरोपी की तरह चलेगा मुकदमा

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ashok chavan
bombay high court refuses to give relief for ashok chavan

मुंबई। बम्बई हाईकोर्ट ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम हटाने की सीबीआई की एक याचिका खारिज कर दी।

मामले में याचिकाकर्ता के वकील रह चुके अधिवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि न्यायाधीश एम.एल.ताहिलियानी ने बुधवार को सीबीआई द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर यह आदेश दिया। इसके पहले इसी मुद्दे पर सीबीआई की विशेष अदालत ने सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी।

मेहता ने कहा कि यह फैसला चव्हाण के लिए एक बड़ी बाधा साबित हो सकती है, क्योंकि उन पर एक आरोपी की तरह मुकदमा चलेगा। चव्हाण इस फैसले के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं।

इससे पहले, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल के. शंकरनारायणन सबूतों के अभाव में चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर चुके हैं।

सीबीआई ने अदालत में दलील दी कि राज्यपाल द्वारा स्वीकृति देने से इनकार किए जाने के बाद, उनके पास चव्हाण के खिलाफ मुकदमा चलाने की कोई सामग्री नहीं है। अदालत को चव्हाण को मामले से बरी करने की अनुमति देनी चाहिए।

चव्हाण पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर दक्षिण मुंबई के पॉश इलाके में स्थित आदर्श सोसायटी को अतिरिक्त एफएसआई मुहैया कराई थी और इसके एवज में अपने रिश्तेदारों के लिए सोसायटी में फ्लैट सुनिश्चित कर लिए थे।

सीबीआई ने बताया कि राज्य के राजस्व मंत्री के रूप में चव्हाण ने अपने कार्यकाल के दौरान आदर्श हाउसिंग सोसायटी के कुल आवासों में से 40 फीसदी फ्लैट नागरिकों को देने की अनुमति दी थी, जबकि आदर्श सोसायटी सिर्फ कारगिल युद्ध के शहीदों की विधवाओं, युद्ध में लड़ चुके सैनिकों और रक्षा अधिकारियों के लिए ही थी।

वर्ष 2010 में आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला उजागर होने के बाद चव्हाण ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह पृथ्वीराज चव्हाण ने ली थी।

आदर्श सोसायटी की 31 मंजिली आलीशान इमारत दक्षिण मुंबई के कोलाबा में स्थित है। घोटाले में शीर्ष राजनेताओं और नौकरशाहों पर गठजोड़ करके नियमों को ताक पर रख कर सोसायटी के आलीशान फ्लैट कम दरों में बेचने का आरोप है।

जनवरी 2011 में महाराष्ट्र सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.ए.पाटिल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग नियुक्त किया था, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्य सचिव पी.ए. सुब्रह्मण्यन भी शामिल थे।

आदर्श सोसायटी में कथिततौर पर हुई बहुत सी अवैध गतिविधियों की जांच के लिए एक दर्जन शीर्ष नौकरशाहों के अलावा चार पूर्व मुख्यमंत्रियो ं-अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख (जिनकी मृत्यु हो चुकी है), सुशील कुमार शिंदे और शिवाजीराव पाटिल-निलंगेकर, दो पूर्व मंत्रियों- राजेश टोपे और सुनील तटकरे सहित 182 गवाहों से पूछताछ करने और जांच करने के बाद आयोग ने अप्रेल 2013 में अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।

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