Home Breaking सुखोई और ब्रहमोस की जोडी दुश्मनों पर कहर बरपा देगी

सुखोई और ब्रहमोस की जोडी दुश्मनों पर कहर बरपा देगी

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सुखोई और ब्रहमोस की जोडी दुश्मनों पर कहर बरपा देगी
Brahmos missile fitted Sukhoi 30 takes IAF capability reaches new high
Brahmos missile fitted Sukhoi 30 takes IAF capability reaches new high
Brahmos missile fitted Sukhoi 30 takes IAF capability reaches new high

प्रशान्त झा
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना विश्वभर की वायु सेना के लिए आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है क्योंकि इसने दुनिया में पहली बार दो घातकतम हथियारों को एक दूसरे के साथ मिलाकर एक बेमिसाल जोडी बना दी है।

भारत ने दुनिया के सबसे तेज और अचूक सुपरसोनिक क्रूज मिसाईल ब्रहमोस को चौथी पीढी के श्रेष्ठतम युद्धक विमान सुखोई 30 एम के आई पर लगाए जाने में सफलता हासिल की है।

विश्व की प्रमुख सैन्य महाशक्तियां आज चौथी और पांचवीं पीढी के युद्धक विमान हासिल कर चुकी हैं जो हमारे सुखोई 30 एम के आई से अधिक उन्नत रेडार से युक्त, रेडार को चकमा देने और लम्बी दूरी तक मार करने में सक्षम हैं।

चीन भी रूस से चौथी पीढी का अत्याधुनिक युद्धक विमान सुखोई 35 हासिल कर चुका है और पांचवीं पीढी का विमान विकसित करने में लगा हुआ है। इधर, पाकिस्तान भी अमरीका से उन्नत एफ 16 विमान हासिल करने की कोशिश में है।

इस सबके बीच हमारा सुखोई 30 एम के आई हवाई युद्ध और पैंतरेबाजी में श्रेष्ठतम दो इंजन वाला विमान है जिसमें उन्नत रेडार आदि कुछ परिर्वतन कर पांचवी पीढी के समकक्ष ’सुपर सुखोई’ बनाया जा सकता है।

भारत ने पडोस में तेजी से बदलते सैन्य परिदृश्य के बीच सुखोई 30 एम के आई और ब्रहमोस का गठजोड कर एक एैसा अचूक हथियार विश्व के सैन्य पटल पर ला खडा किया है जिसकी काट दुनियां में किसी के पास नहीं है।

इसके लिए इस विमान के डिजाईन में कुछ बदलाव भी किए गए है और मिसाइल के ढांचे को भी विमान के अनुरूप कुछ छोटा और वजन में हल्का करके इसमें लगाए जाने योग्य बनाया गया है।

विश्व में इस तरह का प्रयोग पहली बार किया गया है जिसने न केवल चीन और पाकिस्तान बल्कि समूचे विश्व की वायु सेनाओं को चौंका दिया है।

ब्रहमोस की ताकत साथ मिलने के से यह विमान बिना भारतीय वायु सीमा को लांघे दुश्मन के क्षेत्र में 300 किमी तक बिना उसे समझने और संभलने का मौका दिए अचूक हमला कर सकता है। ब्रहमोस गोली से भी अधिक गति से 295 किमी तक रेडार को चकमा देते हुए सुपरसोनिक गति से प्रहार करता है।

सुखोई 30 एम के आई 3000 किमी तक एक बार ईधन भर कर एवं 8000 किमी तक बीच हवा में ईधन भरा जाकर उडान भर सकता है और ब्रहमोस इसे अतिरिक्त 300 किमी तक प्रहार करने की क्षमता उपलब्ध कराता है जो विमान को दुश्मन के विमानों और एन्टी एयर क्राफ्ट मिसाइलों से बचने का अवसर देता है।

ब्रहमोस दुनिया का तीव्रतम गति वाला क्रूज मिसाइल है जिसकी अधिकतम गति 3700 कि मी प्रति घंटा है जिस कारण रेडार भी इसकी टोह नहीं ले पाता है यदि फिर भी इस पर हमला किया जाता है तो यह हवा में मार्ग बदलकर उसे चकमा देने की काबलियत रखता है।

यह गठजोड न केवल पाकिस्तान के अधिकतर शहरों बल्कि चीन के भी सैन्य ठिकानों को बिना वायु सीमा पार किए निशाना बनाने में सक्षम है।

वर्तमान में सुखोई 30 एम के आई विमान का रेडार चौथी और पांचवीं पीढी के विमानों के मुकाबले में कमतर है लेकिन इन्हें अनेक लक्ष्यों को पहचान कर सूचना पूर्व में ही उपलब्ध करा देने वाले अवाक्स हवाई निगरानी प्रणाली के साथ उपयोग किया जाए तो यह हमारे पायलटों को दुश्मन के विमानों और मिसाइलों की उनके उडान भरने से पहले व बाद की पूरी जानकारी उपलब्ध करा सकता है और यह विमान खुद को सुरक्षित रखते हुए दुश्मन पर अनेक उडान भर कर तुरन्त हमला कर सकता है।

यह अनूठा गठजोड जहां दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए पर्याप्त है वहीं यह भारत को स्वयं का पांचवीं पीढी का विमान विकसित करने के लिए समय उपलब्ध करा देगा।