Home Breaking बुलंदशहर गैंगरेप मामला : आजम का माफीनामा मंजूर, कोर्ट ने दी हिदायत

बुलंदशहर गैंगरेप मामला : आजम का माफीनामा मंजूर, कोर्ट ने दी हिदायत

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बुलंदशहर गैंगरेप मामला : आजम का माफीनामा मंजूर, कोर्ट ने दी हिदायत
Bulandshahr Gangrape Remarks : SC accepts unconditional apology tender by azam khan
Bulandshahr Gangrape Remarks : SC accepts unconditional apology tender by azam khan
Bulandshahr Gangrape Remarks : SC accepts unconditional apology tender by azam khan

लखनऊ। बुलंदशहर गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के बिना शर्त माफीनामे को स्वीकार कर लिया है। आजम ने गैंगरेप पीडिता पर दिए गए अपने बयान के लिए माफी मांगी है।

बता दें, पिछली सुनवाई में आजम खान की ओर से दाखिल किए गए माफीनामे के ड्राफ्ट हलफनामे पर केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सवाल उठाया था।

रोहतगी का कहना था कि माफीनामे के ड्राफ्ट हलफनामे की भाषाशैली में अंतर है, जबकि इसके पहले हुई सुनवाई के दौरान आजम ने बिना शर्त माफी मांगने की बात कही थी।

इसके बाद जज ने आजम के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि माफीनामा में किंतु और परंतु जैसे शब्द इस्‍तेमाल क्यों किए गए हैं, जबकि माफीनामा सिर्फ माफी होता है।

तब ये बोले थे आजम खान

आजम खान गैंगरेप को राजनीतिक साजिश कहा था, उन्होंने कहा था कि इस बात के पीछे राजनीतिक साजिश हो सकती है, हो सकता है कि सरकार को बदनाम करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है।

पीड़िता के पिता ने कोर्ट में लगाई थी गुहार

आजम के विवादित बयान के बाद रेप पीड़िता के पिता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद कोर्ट ने उनसे इस मामले में माफी मांगने को कहा था। इसके बाद आजम खान ने माफी मांगी थी लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उनका मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं था बल्कि इस घटना के पीछे की साजिश को लोगों के बीच लाना था।

कोर्ट ने कहा माफी में किंतु-परंतु स्वीकार नहीं

आजम खान के इस एफिडेविट पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि माफी में किसी भी तरह का किंतु परंतु स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिसके बाद आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से समय मांगा था।

आजम खान के माफीनामे पर कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ माफी मांगने से मामला खत्म नहीं होगा, बिना शर्त मांफी मांगनी होगी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच जस्टिस दीपक मिश्रा और अमित्वा रॉय ने पिछले महीने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि महिला के सम्मान के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।

इस मामले के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि नाबालिग रेप पीड़ित को उसके पिता की इच्छा वाले स्कूल में दाखिला दिलाया जाए, कोर्ट ने यह भी कहा था कि एक बार बोला गया शब्द वापस नहीं लिया जा सकता है।