Home Astrology शुभ संयोग लेकर आ रहा चैत्र नवरात्र, रामनवमी पर बनेगा पुष्य नक्षत्र

शुभ संयोग लेकर आ रहा चैत्र नवरात्र, रामनवमी पर बनेगा पुष्य नक्षत्र

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शुभ संयोग लेकर आ रहा चैत्र नवरात्र, रामनवमी पर बनेगा पुष्य नक्षत्र
Chaitra Navratri coming with super auspicious
Chaitra Navratri coming with super auspicious
Chaitra Navratri coming with super auspicious

भोपाल। देशभर में हिन्दू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। इस बार जहां नववर्ष मिला-जुला असर देने वाला रहेगा, वहीं चैत्र नवरात्र खास संयोग लेकर आ रहे हैं।

नवरात्र के पांच दिन खास रहेंगे, क्योंकि दिन शुभ संयोग बन रहा है, जबकि 5 अप्रेल को पडऩे वाली रामनवमी पुष्य नक्षत्र में होने के कारण लाभ देने वाली रहेगी। कुल मिलाकर, नवरात्रि का पर्व मां की आराधना करने वालों के लिए सुख-समृद्धि और खुशहाली देने वाला रहेगा।

देश में कई में हिन्दू नववर्ष के साथ-साथ चैत्र नवरात्रि और रामनवमी धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन पर्व को लेकर मंदिरों में अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हिन्दू संगठनों द्वारा नववर्ष पर जहां विशाल रैलियों का आयोजन किया जाएगा, तो वहीं नवरात्रि के दौरान कलश यात्राएं और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।

उल्लेखनीय है कि चैत्र नवरात्र इस बार आठ दिन के रहेंगे। इसका कारण पड़वा एवं दूज तिथि एक साथ पड़ेगी। इसकी शुरुआत 29 मार्च और समापन 05 अप्रैल को होगा। इस बार श्रीरामनवमी पर पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस बार रामनवमी को अधिक शुभ माना जा रहा है। भगवान श्रीराम का जन्म नवमी पर पुष्य नक्षत्र में हुआ था।

इस बार भी नवमी पर पुष्य नक्षत्र पड़ रहा है। इसलिए श्रद्धालुओं के लिए यह दिन विशेष रहेगा। हरी वस्तुएं होंगी महंगी पंडित लखन शास्त्री के अनुसार इस वर्ष का राजा बुध और मंत्री बृहस्पति होने से शिक्षा, व्यापार, सोना-चांदी, कृषि, टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में विशेष लाभ मिलेगा।

बुध हरी वस्तुओं के स्वामी हैं। इनके भाव में वृद्धि होगी। सब्जियों के भाव भी ज्यादा रहेंगे। 29 मार्च को गुड़ी पड़वा, विक्रम नव संवत्सर व चैत्र नवरात्र का शुभारंभ होगा। 4 अप्रेल को महाष्टमी का पूजन होगा। 5 अप्रेल रामनवमी को इस बार पुष्य नक्षत्र योग रहेगा।

यह योग मंगलवार रात 2.34 बजे से शुरू होकर बुधवार दोपहर 1.40 बजे तक रहेगा। नवरात्र में यह 05 दिन रहेंगे विशेष ज्योतषाचार्यों के मुताबिक नवरात्र के पांच दिन विशेष तिथियों के कारण खास रहेंगे। 29 मार्च को गुड़ी पड़वा, नवसंवत्सर, 30 को गणगौर, 31 को विनायक चतुर्थी, 04 अप्रैल को दुर्गाष्टमी है। इसके बाद 5 अप्रेल को रामनवमी रहेगी।