Home Gujarat Ahmedabad कहीं नेहरू भी न निकल जाएं कांग्रेस के हाथ से…

कहीं नेहरू भी न निकल जाएं कांग्रेस के हाथ से…

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congress event to marks nehru's 125 birth anniversary begins
congress event to marks nehru’s 125 birth anniversary begins

सूरत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के दो चेहरों पहले सरदार पटेल और फिर महात्मा गांधी को नेशनल आइकन बना दिया, कांग्रेस सकते में है। जिसके बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने देशभर में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (पीसीसी) को पत्र लिखकर नेहरू जयंती को भव्य तरीके से मनाने की हिदायत दी है। यह पहला मौका है जब एआईसीसी ने अपने किसी नेता की जयंती मनाने के लिए इस तरह परिपत्र जारी किया है।
केंद्र सरकार १४ नवम्बर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कीजयंती पर दिल्ली में बड़ा आयोजन कर रही है। इससे एक पखवारा पहले हीकेंद्र ने सरदार पटेल की जयंती को धूमधाम से मनाया था और गांधी जयंती पर पूरे पांच वर्ष के लिए सफाई अभियान शुरू किया था। अब नेहरू जयंती परकेंद्र की एक और कोशिश को देखते हुए कांग्रेस को लगने लगा है कि मोदी सरकार कांग्रेस की पहचान ही छीनने लगी है। जिसके बाद एआईसीसी ने पहली बार परिपत्र जारी कर सभी पीसीसी प्रमुखों को अपने प्रदेशों में नेहरू जयंती को जोरशोर से मनाने की हिदायत दी है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों मेंकार्यक्रम आयोजित कर नेहरू की विचारधारा लोगों तक पहुंचाई जाएगी। इसके लिए बुधवार को एक बैठक कर शहर एवं जिला स्तर पर नेहरू जयंती मनाने पर चर्चा की गई।
सूरत में होगी प्रदेश कारोबारी बैठक
प्रदेश कारोबारी समिति की बैठक २४ नवम्बर को सूरत में होगी। एक ही वर्ष के भीतर प्रदेश कारोबारी समिति दूसरी बार सूरत आ रही है। पहली बैठक लोकसभा चुनावों से पहले हुई थी। सूरत समेत दक्षिण गुजरात कभी कांग्रेस का  गढ़ था। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस यहां लगातार कमजोर हो रही है। कारोबारी समिति की बैठक के सूरत में होने की अहम वजह खोई जमीन पाने की कवायद माना जा रहा है। तेरापंथ भवन में होने वाली बैठक में संगठन पर्व की समीक्षा के साथ ही वर्ष २०१५ में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनावों पर चर्चा की जाएगी।
कार्यकर्ता सम्मेलन २४ को
उधर, चौक स्थित रंग उपवन में २४ नवम्बर को कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को लाने की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्षदों और पदाधिकारियों को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि कार्यकर्ताओं को लाने के बहाने मौजूदा पार्षद और दूसरे नेता मनपा चुनावों में अपनी दावेदारी भी मजबूत करेंगे।