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संप्रग पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर सका, मोदी सरकार भी विफल : राहुल

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संप्रग पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर सका, मोदी सरकार भी विफल : राहुल
Congress vice president Rahul Gandhi in Princeton University, admits congress failed on jobs, says modi government failing too
Congress vice president Rahul Gandhi in Princeton University, admits congress failed on jobs, says modi government failing too
Congress vice president Rahul Gandhi in Princeton University, admits congress failed on jobs, says modi government failing too

प्रिंस्टन (न्यू जर्सी)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली पूर्व की संप्रग सरकार पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पाई थी और उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भी अपने वादे के बावजूद रोजगार पैदा करने में विफल साबित हुई है।

प्रिंस्टन युनिवर्सिटी में यहां मंगलवार को विद्यार्थियों के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी और एक हद तक अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उदय के पीछे रोजगार का सवाल था।

राहुल ने कहा कि हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से के पास रोजगार नहीं है और इसलिए वे परेशान हैं। और उन्होंने इसीलिए इस तरह के नेताओं का समर्थन किया है। समस्या यह है कि रोजगार को लेकर इन नेताओं का रिकार्ड मैं ट्रंप के बारे में नहीं कहता, क्योंकि उनके बारे में नहीं जानता लेकिन हमारे प्रधानमंत्री का तो निश्चित रूप से अच्छा नहीं है।

राहुल ने कहा कि भारत में रोजगार मुख्य चुनौती है और प्रति दिन 30,000 युवा रोजगार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन मात्र 450 रोजगार पैदा हो रहे हैं।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि पूर्व की संप्रग सरकार पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पाई थी, और यही एक प्रमुख कारण था कि 2014 के आम चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की जीत हुई थी।

राहुल ने कहा कि इसलिए जो लोग हमसे नाराज थे, क्योंकि हम 30,000 रोजगार पैदा नहीं कर सके, वही आज मोदी से नाराज हैं। केंद्रीय मुद्दा इस समस्या को सुलझाने का है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर रोजगार सृजन के मुद्दे से ध्यान हटाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि भारत में इस समय लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। हम इसे महसूस कर सकते हैं। ऐसे में मेरे लिए चुनौती यह है कि इस समस्या का एक लोकतांत्रिक तरीके से समाधान कैसे निकाला जाए।

गांधी ने कहा कि स्पष्ट कहूं तो कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं कर पाई। लेकिन मोदी भी इसमें असफल हैं। यह एक गंभीर समस्या है, इसलिए हमें पहले इसे समस्या के रूप में स्वीकार करना होगा और उसके बाद हमें इसे मिलकर सुलझाना होगा। लेकिन फिलहाल इसे कोई स्वीकारने को तैयार नहीं है।

राहुल ने कहा कि दूसरी चुनौती शहरों के लिए भारी पलायन है और इन शहरों पर जितना दबाव है, उसे बर्दाश्त करने की स्थिति में वे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सिर्फ अकुशल रोजगार तैयार किए गए हैं।

गांधी ने कहा कि यदि आप आज अकुशल रोजगार को देखें तो चीन उन पर हावी है। चीन उन पर इसलिए हावी हैं, क्योंकि उनके पास एक खास तरह की राजनीतिक व्यवस्था है। वे उनपर हावी होने के लिए ताकत का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वहां उन्हें प्रतिस्पर्धात्मकता का एक लाभ मिला है।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश अकुशल रोजगार पैदा करने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। मेरे हिसाब से यह एक वास्तविक समस्या है, यही समस्या अमरीका, भारत और यूरोप में है। वे अकुशल रोजगार पैदा करने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।

गांधी ने कहा कि जितनी नौकरियों की जरूरत है, उतनी नहीं हैं। भारत में यही समस्या सिर उठाए हुए है। राहुल ने कहा कि रोजगार पैदा करने के लिए छोटी कंपनियों को बड़ी कंपनियों में तब्दील किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि आपके पास मौजूद बड़ी कंपनियां अपनी भूमिका निभा रही हैं, लेकिन जिन छोटी कंपनियों को, मझौली कंपनियों को बड़ी कंपनियों में बदला जाना चाहिए, वह नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से रोजगार वहीं से पैदा होने हैं। आप कृषि को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। कृषि से ढेर सारे रोजगार पैदा होंगे..हमारी 40 प्रतिशत सब्जियां आज सड़ जाती हैं। यह एक बड़ी बर्बादी है।