Home Breaking डीडीसीए मानहानि केस : जेटली के खातों की जांच की मांग वाली केजरीवाल की अर्जी खारिज

डीडीसीए मानहानि केस : जेटली के खातों की जांच की मांग वाली केजरीवाल की अर्जी खारिज

0
डीडीसीए मानहानि केस : जेटली के खातों की जांच की मांग वाली केजरीवाल की अर्जी खारिज
ddca defamation case : delhi high court rejects kejriwal plea seeking arun jaitley's Financial records
ddca defamation case : delhi high court rejects kejriwal plea seeking arun jaitley's Financial records
ddca defamation case : delhi high court rejects kejriwal plea seeking arun jaitley’s Financial records

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की डीडीसीए मानहानि केस के मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनके परिवार के बैंक खातों की जांच की मांग को खारिज कर दिया है।

केजरीवाल ने अर्जी में मांग की थी कि जेटली के 1999-2000 से लेकर 2014-15 तक के सभी बैंक खातों की कॉपी दी जाए। अपनी अर्जी में केजरीवाल ने कहा है कि जेटली के सीधे या परोक्ष रूप से जहां भी हिस्सेदारी हो, उन कंपनियों या फर्मों के 1999-2000 से 2014-15 के बीच के खातों की जांच हो।

अर्जी में कहा गया था कि 1999-2000 से 2014-15 के बीच जेटली के पुत्र, पुत्री, दामाद और पत्नी के खातों की भी जांच हो। अर्जी में इन वर्षों के दौरान आयकर से संबंधित जानकारी देने का निर्देश देने की मांग हाईकोर्ट से की गई थी।

आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ सिविल और आपराधिक मानहानि का केस दायर कर रखा है। जेटली ने इन नेताओं पर राजनीतिक लाभ के लिए झूठे आरोप लगाकर छवि खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया है।

आपको बता दें कि छह दिसंबर को केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में केजरीवाल को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने केजरीवाल से कहा था कि वो ट्रायल कोर्ट में एक हलफनामा दें कि उनकी अनुपस्थिति में कोर्ट को अपनी प्रक्रिया आगे बढ़ाने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।

कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर ट्रायल कोर्ट को लगेगा कि आपकी वजह से अनावश्यक विलंब हो रहा है तो हाईकोर्ट अपने आदेश में सुधार करेगी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल की उस दलील को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले पर स्टे लगाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के पहले हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।