Home Health फास्ट फूड दे रहा है बच्चों में ह्दयरोग को बढ़ावा : डा विजयलक्ष्मी

फास्ट फूड दे रहा है बच्चों में ह्दयरोग को बढ़ावा : डा विजयलक्ष्मी

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फास्ट फूड दे रहा है बच्चों में ह्दयरोग को बढ़ावा : डा विजयलक्ष्मी
dr vijaylakshmi

dr vijaylakshmi

आबू रोड। आजकल बच्चों में तेजी से मोटापा बढ रहा है। इसकी वजह है कि बचपन से ही बच्चों के सेहत पर ध्यान नहीं देते है और फास्ट फूड जैसे खाद्य पदार्थों की आदत बन रही है। ज्यादा फास्ट फूड बच्चों में ह्दयरोग को बढ़ावा दे रहा है।

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उन्होंने बच्चों के अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि यदि हम बच्चों की जिन्दगी बचाना चाहते है तो हमें इसके प्रति गम्भीर होना पड़ेगा। पहले हम ध्यान नहीं देते है। बाद में जब यह समस्या उत्पन्न हो जाती है तो जिन्दगी भर इसके इलाज के लिए भटकते है।

पहले के समय में ऐसा कम को देखने को मिलता था कि बच्चों में ह्दयरोग हो। परन्तु आजकल ऐसा नहीं है। हर उम्र के लोग इससे पीडि़त है। यदि इसे प्रति हम गम्भीर नहीं हुए तो आने वाले समय में हमारे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसलिए बच्चों के जीवन से हमें खेलवाड़ नहीं करना चाहिए।

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श्री गंगाराम हास्टिपल दिल्ली के वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा एस सी मनचन्दा ने कहा कि जब तक हमारे शरीर में सब कुछ ठीक चलता है तब तक हम खान पान पर कभी भी ध्यान नहीं देते है कि इसका आगे परिणाम क्या होगा।

यदि हम पहले से ही सचेत हो जाये तो निश्चित तौर पर हमारे जिन्दगी में रोग और वह भी खासकर ह्दयरोग जैसी बीमारियों से पर अंकुश लगा सकते है। योग और राजयोग यदि मनुष्य अपने जीवन में अपनाये ंतो वह ऐसे असाध्य रोगों से बच सकता है।

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कार्यक्रम आयोजक सचिव ह्दयरोग विशेषज्ञ डा सतीष गुप्ता ने कहा कि मनुष्य यदि अपने जीवन में सकारात्मकता और आहार विहार में बदलाव लाते हुए सकारात्मक जीवन शैली अपनाये तो उसे कभी भी ह्दयरोग नहीं हो सकता है। यह हमने पिछले दस वर्षों में दो हजार से ज्यादा लोगों पर शोध किया है। जिन लोगों को चलना फिरना दूभर होता था वे आज सामान्य जिन्दगी जी रहे है। इसलिए हमें अपने जीवन को स्वस्थ और रोगमुक्त रखना है तो उसके लिए जीवन की पद्यतियों को बदलना ही होगा।

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उन्होंने लोगों से आगाह कि किया अपनी पाश्चात्य संस्कृति को छोड़ एक संतुलित जीवन शैली को अपनाना चाहिए। यही ह्दयरोग जैसे घातक बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय है। इसके बिना ह्दयरोग का स्थायी इलाज नहीं है। इस अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा एसके अग्रवाल समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।