Home Sirohi Aburoad शुरू तो हो जाएगा ट्रोमा, फिर भगवान जाने!

शुरू तो हो जाएगा ट्रोमा, फिर भगवान जाने!

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शुरू तो हो जाएगा ट्रोमा, फिर भगवान जाने!
sirohi trauma center
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सबगुरु न्यूज- सिरोही। भगवान का शुक्र है कि चिकित्सा मंत्री ने सिरोही जिला चिकित्सालय के लिए एक नहीं 16 चिकित्सक और 18 से पैरामेडीकल स्टाफ पदस्थापना तथा कार्यव्यस्था में लगा दिए। इससे 23 जनवरी को चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड की उपस्थिति में ट्रोमा सेंटर, आईसीयू भवन समेत जिला चिकित्सालय के पांच भवनों को उद्घाटन करने सिरोही आएंगे।

उद्घाटन के बाद फिर कार्यव्यवस्था एवं प्रतिनियुक्ति पर लगाए गए चिकित्सक और पैरामेडीकल स्टाफ कितने दिन टिकता है यह भगवान ही जाने। वैसे सिरोही में उद्घाटन की व्यवस्था नहीं बिगडे इसके लिए चिकित्सा विभाग ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा बेहाल कर दी है क्योंकि इनमें से पांच चिकित्सक और 12 जीएनएम तो सिरोही जिले के ही दूरदराज के ग्रामीण इलाकों से पदस्थापित और कार्यव्यवस्था में लगाए हैं।

स्थिति जो भी हो फिलहाल इस पत्र में पदस्थापन और कार्यव्यवस्था शब्द का तकनीकी अर्थ समझे बिना ही रात्रि में व्हाट्स एप समुहों में भाजपा और कांग्रेस में इसकी होड लेने की दौड शुरू हो चुकी है।
पहली बार इतने चिकित्सक
सिरोही के इतिहास में यह पहली बार होगा कि एक साथ इतने चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाॅफ यहां पर एक साथ लगाए हों। यह भी चिकित्सा मंत्री स्वयं आ रहे हैं तो संभवतः यह सारे के सारे चिकित्सक और पेरामेडीकल स्टाॅफ यहां पर उस दिन ज्वाइन भी कर लेवें। यदि सिरोही के प्रभारी मंत्री यह उद्घाटन करते तो पूर्व अनुभवों के अनुसार शायद सिरोही के चिकित्सक भी बामुश्किल यहां ज्वाइन करते।

पूर्व में प्रभारी मंत्री एक एनेस्थिशियन का स्थानांतरण का कागज जयपुर से लाए थे, लेकिन उसने भी यहां ज्वाइन नहीं किया। उपर से जिला चिकित्सालय से एक विशेषज्ञ चिकित्सक का स्थानांतरण करके प्रदेश सरकार ने यह बता दिया कि चैबे जी गए थे छब्बे जी बनने दूबे जी बन आए।
पूरे जोधपुर संभाग के चिकित्सक
सिरोही में चिकित्सा मंत्री के उद्घाटन कार्यक्रम से पहले जिन चिकित्सकों को कार्यव्यवस्था या पदस्थापन पर लगाया गया है उनमें अधिकांश जोधपुर संभाग के हैं।

इनमें जालोर से शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ रमेशचंद्र बैरवा, जोधपुर के मंडोर सेटेलाइट चिकित्सालय से कनिष्ट सर्जन डाॅ मनीष मंडोरा, डाॅ नरेन्द्र सोलंकी, शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ राकेश चैधरी, जोधपुर के चैबाहो सेटेलाइट चिकित्सालय से डाॅ मनीष सुथार व डाॅ हितेश भंसाली, जोधपुर के प्रतापनगर सेटेलाइट चिकित्सालय से डाॅ तेजसिंह, जोधपुर मोबाइल यूनिट से कनिष्ट चिशेषज्ञ डाॅ प्रवीण पूनिया, सिरोही के कैलाशनगर पीएचसी से डाॅ लक्ष्मण सिंह राव, भटाना पीएचसी से डाॅ विजयसिंह रावत, वीरवाडा पीएचसी से डाॅ विजेन्द्रसिंह चैधरी, भूला पीएचसी से डाॅ बलदेवसिंह, दांतराई पीएचसी से डाॅ प्रवीणकुमार, पावटा से एनेस्थिशियन डाॅ वीरसिंह तथा ईएसआई चिकित्सालय जोधपुर से एनेस्थिशियन डाॅ मनीष माहेश्वरी को सिरोही जिला चिकित्सालय में कार्य व्यवस्था व पदस्थापना पर लगाया गया है।

यह सोचने वाली बात है कि जब जालोर से एक एनेस्थिशियन सिरोही आने को तैयार नहीं है तो जोधपुर जैसी मेडीकल सिटी से इतनी संख्या में विशेषज्ञ यहां कब तक रहेंगे। ट्रोमा सेंटर के उद्घाटन कहीं की कहीं का रोडा भानुमति ने कुनबा जोडा कहावत की तर्ज पर ट्रोमा और आईसीयू को शानदार तरीके से शुरू करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी है। यदि ये स्थायी रूप से लगाए गए हैं और यहां रुकते हैं तो वाकई दो साल में पहली बार शायद सुराज और अच्छे दिन आने का अहसास होगा।
अकेले ट्रोमा में चाहिए पांच चिकित्सक
अकेले ट्रोमा सेंटर को 24 घंटे संचालित करने के लिए पांच चिकित्सक और 9 पेरामेडीकल स्टाफ चाहिए। इसके अलावा कम से कम तीन चिकित्सक और तीन पैरामेडीकल स्टाॅफ आईसीयू के संचालन के लिए चाहिए।

ऐसे में उद्घाटन के लिए यहां पर लगाए गए किसी भी चिकित्सक को वापस भेजा जाता है या स्थायी रूप से इतनी ही संख्या में चिकित्सकों व पैरामेडीकल स्टाफ को स्थानांतरण नहीं किया जाता है तो ट्रोमा और आईसीयू का भविष्य फिर भगवान ही जान सकता है।