Home World Asia News बेल्ट और रोड परियोजना पर भारत का रवैया ढुलमुल : चीन

बेल्ट और रोड परियोजना पर भारत का रवैया ढुलमुल : चीन

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बेल्ट और रोड परियोजना पर भारत का रवैया ढुलमुल : चीन
india's stance wavering on belt and road : China
india's stance wavering on belt and road : China
india’s stance wavering on belt and road : China

बीजिंग। भारत दौरे पर पहुंचे रूसी दूत द्वारा बीजिग और नई दिल्ली को बेल्ट और रोड परियोजना पर मतभेदों को मिलकर सुलाझाने का बयान देने के एक दिन बाद चीन ने बुधवार को कहा कि इस मुद्दे पर नई दिल्ली का रवैया ढुलमुल रहा है।

चीन ने फिर से भारत के भय को कम करने की कोशिश करते हुए कहा कि इस परियोजना का मुख्य हिस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के हिस्से के माध्यम होकर गुजरेगा। चीन ने कहा कि इस मुद्दे पर बीजिंग का रुख ‘तटस्थ’ रहेगा जो कभी नहीं बदलेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि आप और आपके सहयोगी ने पहले यह सवाल पूछा था और यह इस बात को दर्शाता है कि बेल्ट और रोड परियोजना के मुद्दे पर भारत का रवैया ढुलमुल रहा है।

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आपको बहुत स्पष्ट होना चाहिए, क्योंकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बेल्ट और रोड की पहल का प्रस्ताव मजबूत परिणामों के साथ सुचारू रूप से बनाया है।

भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने मंगलवार को कहा था कि इस मुद्दे पर भारत और चीन के बीच एक संवाद होना चाहिए।

उन्होंने कहा था कि हम चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए बेहतर तरीकों और संचार के साधनों का सर्मथन करेंगे। हुआ राजदूत की प्रतिक्रिया पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि बेल्ट और रोड पहल चीन के विस्तार और विकास के लिए और जगह बनाएगी। इसके साथ ही यह आर्थिक विकास के लिए और अधिक अवसर लेकर आएगी। साथ ही यह क्षेत्रीय विवाद में शामिल नहीं होगी।

चीन की यह परियोजना सड़कों और जलमार्गों के जाल के माध्यम से एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह सिर्फ अर्थशास्त्र नहीं बल्कि इससे अधिक है।

भारत ने बेल्ट और रोड परियोजना का विरोध किया था। इस परियोजना का सीपीईसी पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरता है, जिसपर नई दिल्ली अपना दावा करता है। भारत ने मई में सीपीईसी के कारण चीन द्वारा आयोजित एक शिखर सम्मेलन में भाग लेने से इंकार कर दिया था।