Home India City News इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त पर 25,000 का जुर्माना

इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त पर 25,000 का जुर्माना

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इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त पर 25,000 का जुर्माना
Joint Commissioner of Indore Municipal Corporation fined Rs 25000 for not replying to an RTI
Joint Commissioner of Indore Municipal Corporation fined Rs 25000 for not replying to an RTI
Joint Commissioner of Indore Municipal Corporation fined Rs 25000 for not replying to an RTI

भोपाल। इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त संतोष टैगोर द्वारा शासन के निर्देशों की अवहेलना और सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी आश्वासन देने के बाद भी उपलब्ध न कराने पर राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।

सूचना आयुक्त के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कैलाश सनोलिया ने नगर निगम के अपर आयुक्त राठौर से शासन द्वारा जारी निर्देशों जैसे कि गांवों में रात्रि विश्राम कर जनता की समस्याएं सुनने, उनका निराकरण करने और इस बारे में शासन को रिपोर्ट पेश करने का ब्योरा मांगा था, लेकिन उन्होंने उपलब्ध नहीं कराया।

राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने बुधवार को कैलाश सनोलिया की अपील पर फैसला सुनाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार लोक सेवकों (अधिकारियों) के ग्रामों में रात्रि विश्राम कर जन समस्याओं का निपटारा करने से जुड़ी जानकारी लोक क्रियाकलाप व व्यापक लोकहित से संबंधित है, जिसे प्राप्त करने का नागरिकों को अधिकार है।

इसके बावजूद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी टैगोर ने उज्जैन जिले के नागदा में लोक सूचना अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) के पद पर पदस्थापना के दौरान यह जानकारी नियत समय सीमा में नहीं दी।

इस पर सूचना आयुक्त ने टैगोर को जानबूझकर बदनियती से वास्तविक जानकारी छिपाने, सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दायित्व के निर्वहन में विफल रहने, कत्र्तव्य विमुखता प्रदर्शित करते हुए विधि से असंगत व गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने, प्रथम अपीलीय कार्यवाही के प्रति उदासीनता बरतने, आयोग व अपीलीय अधिकारी के आदेश का पालन न करने और धारा सात के उल्लंघन का दोषी करार देते हुए दंडित किया है।

आयुक्त आत्मदीप ने अपने फैसले में कहा है कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी टैगोर एक माह में जुर्माने की रकम 25,000 रुपए अदा करें और सात दिन में निशुल्क जानकारी उपलब्ध कराएं, अन्यथा संबंधित अनुशासनिक प्राधिकारी के माध्यम से उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने और जुर्माना वसूलने के लिए जरूरी कार्यवाही की जाएगी।