Home Headlines केदारनाथ मन्दिर के कपाट खुले, तीर्थनगरी में बढ़ी चहल पहल

केदारनाथ मन्दिर के कपाट खुले, तीर्थनगरी में बढ़ी चहल पहल

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केदारनाथ मन्दिर के कपाट खुले, तीर्थनगरी में बढ़ी चहल पहल
kedarnath shrine opens its gates for devotees
kedarnath shrine opens its gates for devotees
kedarnath shrine opens its gates for devotees

ऋषिकेश। गंगोत्री-यमनोत्री के बाद केदारनाथ मन्दिर के कपाट 6 माह बाद यात्रियों के लिए खोल दिए जाने के साथ ही देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो गया है। जिसकी चहल-पहल संयुक्त रोटेशन बस स्टैण्ड के साथ धर्मशालाओं में भी देखी जा रही है।

चारो धामों की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का लेखा-जोखा रखने के लिए बस स्टैण्ड पर खोले गए फोटोमेट्रिक रजिस्टेशन कार्यालय में लगभग दो हजार से अधिक यात्रियों ने अपना पंजीकरण कराकर यह दर्शा दिया है कि दो वर्षा पूर्व केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा भी उनके श्रद्धाभाव को नहीं डिगा सकी। सबसे अधिक चारो धामों पर जाने वाले श्रद्धालुओं मे गुजरात, महाराष्ट्र, व राजस्थान की संख्या अधिक है।


जिनमें अधिकांश यात्रियों का कहना था कि वह पिछले वर्ष भी यात्रा पर जाना चाहते थे परन्तु उत्तराखण्ड की दशा को देश में प्रसारित होने वाले समाचारों को देखकर वह नहीं आ पाए। परन्तु उनका संकल्प यात्रा को लेकर किया गया था। जिसे पूर्ण किया जाना था इसलिए वह यात्रा पर चले आ रहे हैं।

फोटोमैट्रिक पंजीकरण की सुविधा के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश भद्रकाली, उत्तरकाशी, जानकीचटटी, गौरीकुण्ड में भी केन्द्र खोले गए हैं। परन्तु यात्रा प्रशासन की ओर से सभी स्थानों पर कोई भी सुविधा यात्रियों के लिए मुहैया नहीं कराई गई है।

न तो अभी तक सूचना पटट लगाए गए हैं और न ही यात्रा सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध किये जाने को लेकर कोई फोन नम्बर जारी किया गया है। जिससे यात्रा मार्गों की जानकारी लेने में असुविधा महसूस की जा रही है।


उधर चारों धामों मे हो रही वर्षा बर्फबारी के कारण स्थानीय लोगों को भी असुविधाओं से जूझना पड़ रहा है, जिससे उन्हे अपना सामान ले जाने में भी दिक्कत उठानी पड़ रही है केदारनाथ और यमनोत्री में खच्चर, घोडे, कण्डी से पैदल यात्रा कराने वाले लोगों को भी मार्गों के दुरूस्त न होने के कारण परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जिससे उनमें मायूसी का माहौल है।

ऋषिकेश के यात्रा बस स्टैण्ड पर अधिकारियों के बार-बार दौरे के बावजूद भी दिए गये अधिकारियों व स्थानीय निकाय को बस स्टैण्ड पर लगे अवैध खोखो को हटाये जाने के निर्देशों का भी अधिकारियों पर कोई प्रभाव पड़ता नजर नहीं आ रहा है। जिससे यात्रा परजाने वाली तमाम बसों के संचालकों को भी परेशानियों से दो चार होना पड़ता है।


कुल मिलाकर जहां यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, वहीं स्थानीय प्रशासन उनकी सुविधाओं को लेकर पूरी आंखे मूंद कर बैठा है।

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