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10 करोड़ का दुर्गा पूजा पंडाल ‘बाहुबली-2’ के सेट जैसा!

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10 करोड़ का दुर्गा पूजा पंडाल ‘बाहुबली-2’ के सेट जैसा!
kolkata durga Puja Pandal designed like set of 'Bahubali 2'
kolkata durga Puja Pandal designed like set of 'Bahubali 2'
kolkata durga Puja Pandal designed like set of ‘Bahubali 2’

कोलकाता। चंद दिनों बाद दुर्गा पूजा शुरू होने वाली है। पश्चिम बंगाल में भव्य दुर्गा पूजा पंडालों की तैयारी अंतिम चरण में है। राजधानी कोलकाता के आयोजकों ने फिल्म ‘बाहुबली-2’ की लोकप्रियता से प्रभावित होकर भव्य माहिष्मती नगरी के सेट की तर्ज पर पंडाल को अंतिम रूप दिया है। करीब 10 करोड़ रुपए के बजट से बन रहे इस पंडाल में देवी सोने के आभूषणों से सजी होंगी।

इस बार महानगर का दूसरा आकर्षण का केंद्र है गर्भाशय के आकार का 28 लाख रुपए का दुर्गा पूजा पंडाल। इसके जरिये आईवीएफ एवं टेस्ट ट्यूब बेबी को दर्शाया जाएगा। इसके अलावा अन्य कई आकर्षक पंडाल भी देखने को मिलेंगे।

कोलकाता में करीब 3,000 पूजा पंडाल बनाए जाते हैं। शहर भगवती दुर्गा और उनकी संतानों का स्वागत करने के लिए तैयार है। यह इतना भव्य और अनोखे रूप में होगा कि देशी और विदेशी दोनों आगंतुक इसे देखकर हैरान रह जाएंगे।

शहर के पूर्वोत्तर में श्रीभूमि स्पोर्टिग क्लब के स्थल पर 100 फुट ऊंचे पंडाल में फिल्म ‘बाहुबली-2’ की भव्य माहिष्मती नगरी के सेट की झलक देखने को मिलेगी।

क्लब के डी.के. गोस्वामी ने बताया कि इस फिल्म को मिली लोकप्रियता के मद्देनजर हमने सोचा कि न सिर्फ यह बड़े पैमाने पर भीड़ को आकर्षित करने के लिए, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता की एक झलक दिखाने के लिए भी उपयुक्त होगा।

गोस्वामी ने पंडाल का मूल डिजाइन तैयार किया है। पंडाल का प्रवेशद्वार विशाल मेहराब की तरह होगा, जहां सूंड उठाए हाथी पंडाल के स्तंभपाद पर खड़े होंगे। फिल्म के सीक्वल के पोस्टर की तरह अमरेंद्र बाहुबली सूंड के जरिए चढ़ते हुए नजर आएगा।

गोस्वामी ने कहा कि पूरा पंडाल प्लाइवुड से बना होगा और मूर्ति बहुत विशाल होगी। फिल्म की स्टाइल में देवी सोने के आभूषण में सजी होंगी। यह 10 करोड़ रुपए का है। शहर में पूर्बलोक सर्बोजनीन (सामुदायिक पूजा) पंडाल आईवीएफ और टेस्ट ट्यूब बेबी विषयवस्तु पर आधारित होगा।

पूर्बलोक सर्बोजनीन के कुंतल चौधरी ने बताया कि हमारा मुख्य मकसद प्रक्रिया के संबंध में फैले मिथकों को दूर करना और धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

28 लाख के बजट में बने इस पंडाल का आकार गर्भाशय की तरह है और इसमें 4000 ग्लास टेस्ट ट्यूब, बीकर एवं अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया है।

बैद्यनाथ चक्रवर्ती सहित अन्य आईवीएफ विशेषज्ञों के इस प्रक्रिया और टेस्ट ट्यूब बेबी से संबंधित सवालों का जवाब देने के लिए उपस्थित रहने की संभावना है।

इस बीच कुमारतुली में शिल्पकारों व मूर्तिकारों के घरों के पास एक 86 वर्षीय मूर्तिकार कुमारतुली सर्बोजनीन भगवती दुर्गा की पुआल और मिट्टी से बनी मूर्तियों को कपड़ों व गहनों से सज्जित कर अंतिम रूप देने में जुटे हैं। मूर्तिकार बांस, लकड़ी, पुआल और मिट्टी से भगवती की मूर्ति को जीवंत रूप प्रदान करते हैं।

मूर्तिकारों के एक प्रवक्ता बाबू पाल ने कहा कि हम श्रद्धा के साथ मूर्ति बनाते हैं क्योंकि हम उन्हें अपनी बेटी की तरह मानते हैं। जब पूजा का समापन होता है और उनका विसर्जन होता है तो वैसा ही महसूस होता है, जब शादी के बाद नई जिंदगी की शुरुआत के लिए आपकी बेटी अपने पति के साथ विदा होती है।