Home Breaking उज्जैन में नवरात्र की अष्टमी को देवी को लगा मदिरा का भोग

उज्जैन में नवरात्र की अष्टमी को देवी को लगा मदिरा का भोग

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उज्जैन में नवरात्र की अष्टमी को देवी को लगा मदिरा का भोग
madhya pradesh : 24 khamba mandir alcohol served to mata ujjain
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उज्जैन। सरकार और प्रशासन भले ही अंधविश्वास और परंपरा के नाम पर होने वाले कार्यो के खिलाफ खड़ा नजर आता हो, मगर मध्यप्रदेश के उज्जैन में चली आ रही परंपरा के मुताबिक नवरात्र की अष्टमी को महामाया और महालाया को मदिरा (भोग) अर्पित की जाती है।

इस परंपरा का निर्वहन गुरुवार को जिलाधिकारी संकेत भोंडवे ने किया। परंपरा के मुताबिक गुरुवार सुबह जिलाधिकारी संकेत भोंडवे ने चौखंबा देवी मंदिर पहुंचकर पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और देवी को मदिरा अर्पित की। पूजन में मौजूद शासनिक अधिकारियों के साथ अन्य लोगों ने शहर की सुख-समृद्धि की कामना की।

चौखंबा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालु एक मटके में मदिरा भरकर नगर भ्रमण पर निकले। इस मटके के छेद से रास्ते भर मदिरा गिरती रही। नगर भ्रमण के क्रम में नगर के सभी चालीस मंदिरों, जिनमें कालभैरव सहित कई मंदिर शामिल हैं, से होकर शोभायात्रा गुजरेगी और पूजा-पाठ का दौर रात तक चलेगा।

परंपरा के मुताबिक, मटके में छेद करके मदिरा को पूरे रास्ते में गिराया जाता है, यह शोभायात्रा लगभग 27 किलोमीटर का रास्ता तय करती है और इस दौरान पड़ने वाले सभी मंदिरों तक पहुंचती है। यह पूरी तरह सरकारी आयोजन होता है।

स्थानीय जानकारों के अनुसार महामाया और महालाया का देवी मंदिर चौखंबा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में काले पत्थरों के 40 खंबे हैं। यह उज्जैन का प्रवेशद्वार हुआ करता था। उज्जैन पहले पूरी तरह चारदीवारी से घिरा हुआ था, और हर द्वार पर भैरव व देवी की प्रतिमाएं स्थापित हैं। माना जाता है कि ये प्रतिमाएं आपदा-विपदा से नगर की रक्षा करती हैं।

बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य के समय से ही महाअष्टमी को चौखंबा माता के मंदिर में पूजा होती आ रही है। यह मंदिर एक हजार साल से भी पुराना बताया जाता है। वर्तमान में परंपरा प्रशासन निभाता आ रहा है।