Home India City News जनता और सरकार मिलकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाएंगे : शिवराज

जनता और सरकार मिलकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाएंगे : शिवराज

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जनता और सरकार मिलकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाएंगे : शिवराज
madhya pradesh celebrates 67th Republic Day : Chief Minister shivraj singh chauhan unfurled the tricolor in ratlam
madhya pradesh  celebrates 67th Republic Day : Chief Minister shivraj singh chauhan unfurled the tricolor in ratlam
madhya pradesh celebrates 67th Republic Day : Chief Minister shivraj singh chauhan unfurled the tricolor in ratlam

भोपाल/रतलाम। गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रतलाम में हुए समारोह में ध्वजारोहण करते हुए परेड की सलामी ली। उन्होंने स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए सभी प्रदेशवासियों से अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आव्हान किया।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि सबके सहयोग से प्रदेश इस वर्ष भी विकास की रफ्तार को बनाए रखेगा। खुशहाली, समृद्धि और सुख-शान्ति का वातावरण बना रहेगा। उन्होंने प्रदेश के सभी नागरिकों से बिजली-पानी बचाने, बेटियों को आगे बढ़ाने और नशामुक्त होने के लिए संकल्प लेने का आव्हान किया।

उन्होंने कहा कि सरकार और समाज, मिलकर प्रदेश के लिए समर्पित होकर अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन करें। साथ ही संकल्प लें कि मध्य प्रदेश को देश ही नहीं दुनिया में सबसे समृद्ध राज्य बनायेंगे।

रतलाम जिले को हार्टीकल्चर हब बनाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बाने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास करेगी। रतलाम जिले को हार्टीकल्चर हब बनाया जाएगा। रतलाम को अपनी तरह की स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा। इसके विकास के लिए धन की कमी आड़े नहीं आएगी।

आज से प्रदेश के सभी जिलों में डायलिसिस सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा अब प्रत्येक जिले में डायलिसिस तथा कैंसर के इलाज की व्यवस्था शुरू की गई है। आज से प्रदेश के सभी जिलों में डायलिसिस सुविधा मिलने लगेगी। बहनों के स्वास्थ्य की समुचित देखभाल के लिए भी प्रत्येक जिला चिकित्सालय में परीक्षण के लिए “रोशनी क्लीनिक” भी आज से आरंभ किए जा रहे हैं।

स्वच्छ भारत मिशन से जुडऩे का किया आव्हान

मुख्यमंत्री चौहान ने सभी नागरिकों से अपने घर और परिवेश को स्वच्छ रखने का संकल्प लेने के साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के महाअभियान से जुडऩे की अपील की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। दिसम्बर 2015 तक 50 लाख घर में शौचालयों की सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। सभी 52 हजार गांव को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही वर्ष 2015 में 1500 ग्राम को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है।

यह वर्ष गरीब कल्याण वर्ष

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती और अन्त्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष होने से इस वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान गरीबों के कल्याण के कामों में तेजी लाई जाएगी। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टे देने का अभियान चलाया जाएगा।

सरकार हमेशा किसानों के साथ

चौहान ने कहा कि प्रदेश को चौथी बार कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। कृषकों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि महोत्सव का बहुआयामी प्रयोग सफल रहा है। महोत्सव में 20 हजार 459 ग्राम पंचायत से सम्पर्क किया गया है। अजा, अजजा के कृषकों को नलकूप, खनन एवं पम्प के लिए 25 हजार के अनुदान को 40 हजार रुपए किया गया।

प्रत्येक संभाग में बीज एवं उर्वरकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। किसानों के लिए वर्ष 2015 भी प्रतिकूल मौसम के कारण कठिनाई पूर्ण रहा। संकट की घड़ी में सरकार किसानों के साथ हर समय खड़ी रही। फसल क्षति के कारण लगभग 4600 करोड़ रुपए का मुआवजा सीधे किसानों के खाते में जमा किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश शांति का टापू

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है। इसी उक्ति को चरितार्थ करते हुए इस वर्ष बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंहस्थ कुम्भ महापर्व के दौरान विश्व में शांति का सन्देश प्रसारित किया जाएगा। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। अप्रेल-मई माह में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री चौहान ने दी।

उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2016 में 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु एवं पर्यटकों का आना सम्भावित है। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए लगभग 3200 करोड़ रूपए की विस्तृत कार्य योजना को स्वीकृति दी गई है। पहली बार उज्जैन में इतने बड़े पैमाने पर विकास कार्य किए गए हैं। इससे इस पवित्र नगरी का नक्शा ही बदल रहा है। सिंहस्थ कुम्भ में वैचारिक कुम्भ का भी आयोजन होगा।

शिक्षा कल्याण कोष बनाया जाएगा

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि सरकार ने सभी वर्गों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए धन की कमी नहीं आएगी। प्रदेश में शिक्षा कल्याण कोष स्थापित किया जाएगा। इसमें जात-पात का भेदभाव नहीं होगा। मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को राज्य सरकार लेपटॉप वितरित करेगी।

वर्ष 2018 तक 40 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य

चौहान ने कहा कि नर्मदा जल को प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक ले जाने की पहल सफलता की ओर अग्रसर है। नर्मदा-क्षिप्रा-सिंहस्थ लिंक योजना पूरी हो गई है। इससे सिंहस्थ में भरपूर जल सुलभ होगा। नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक की 2187 करोड़ रूपए की योजना पर कार्य शुरू हो गया है। योजना से उज्जैन और इन्दौर जिले में 50 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।

नर्मदा-कालीसिंध, नर्मदा-पार्वती लिंक योजना पर भी काम किया जा रहा है। वर्ष 2018 तक 40 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य है। गौरतलब है कि पिछले एक दशक में सभी साधनों से प्रदेश में सिंचित कृषि का रकबा 7.5 लाख हेक्टेयर से बढक़र 36 लाख हेक्टेयर हो गया है।

मुख्यमंत्री के सम्बोधन के कुछ अन्य बिन्दु

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदानों से प्रेरणा के लिए शौर्य स्मारक का निर्माण किया गया है।

मुख्यमंत्री निवास में पृथक-पृथक वर्ग की 36 पंचायत का आयोजन किया गया, ताकि जनता के जिस वर्ग के कल्याण की योजना बने, वह उनकी सहभागिता और सुझाव से बने।

स्थानीय संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है। साथ ही वन विभाग को छोडक़र शेष सभी विभाग में 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है।

प्रदेश को चौथी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। मैं यह पुरस्कार राज्य के सभी कृषकों को समर्पित करता है।

फसल बीमा योजना की जानकारी अब संबंधित अमला प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रामसभा में देगा।

फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक पंचायत में एक – एक छोटी या बड़ी इकाई के लिए प्रयास किए जाएंगे।

सरकार और समाज मिलकर ही खेती को लाभ का धंधा बना सकते हैं।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में 5 लाख 61 हजार से अधिक परिवार को लगभग 2500 करोड़ रुपए का ऋण तथा 2500 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।

अनुसूचित जाति के 10000 से अधिक युवा को स्व-रोजगार और कौशल उन्नयन योजनाओं का लाभ दिया गया। विगत वर्ष मुख्यमंत्री छात्रगृह योजना का लाभ भी 50000 अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों ने लिया है।

प्रदेश की प्रत्येक लाड़ली के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न योजना संचालित की हैं। 21 लाख कन्याओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ अब तक मिल चुका है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना में 3 लाख 60 हजार कन्या के विवाह हुए हैं।

प्रदेश में 5 करोड़ 34 लाख व्यक्ति को मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में 1 रुपए किलो की दर से गेहूं और चावल दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने ये घोषणाएं की

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार वर्तमान में शून्य प्रतिशत दर पर ऋण दे रही है। लेकिन इस वित्तीय वर्ष से यदि कृषक एक लाख का कर्जा लेगा तो उसे महज अब 90 हजार रुपए ही लौटाना होंगे।

ग्राम सरकारों को अधिकार सम्पन्न बनाने की दिशा में भी राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। चौहान ने कहा कि ग्रामीणों को अब ई-ऋण पुस्तिका निर्धारित राशि लेकर प्रदाय की जाएगी। अविवादित नामांतरण तथा अविवादित बंटवारे के प्रकरणों के निराकरण का अधिकार ग्राम पंचायतों को दिया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में पट्टा नवीनीकरण की नई नीति बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विकास के लिए जनसंख्या के प्रतिशत से अधिक राशि राज्य आयोजना में रखी जा रही है।

प्रदेश में जलाभिषेक अभियान चलाया जाएगा। साथ ही ड्रिप स्प्रिंक्लर को बढ़ावा दिया जाएगा।

वर्ष 2022 तक प्रत्येक गरीब के पास मकान हो। इस दिशा में सरकार कार्य करेगी।

सामान्य वर्ग के निर्धन छात्र-छात्राओं को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसमें पालक की आय सीमा को 54000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख 20 हजार रुपए किया गया है।

इस वर्ष से विद्यार्थियों को साइकिल के पैसे देने की बजाय साइकिल दी जाएगी।

अब प्रत्येक वर्ष 5 लाख बेरोजगारों को विभिन्न योजनाओं में ऋण एवं अनुदान दिया जाएगा।

समारोह में स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मुख्यमंत्री चौहान ने प्रशंसा की। शासकीय विभागों द्वारा आकर्षक झांकियां निकाली गईं।

राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारी पुरस्कृत

उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी मुख्यमंत्री ने राज्य-स्तरीय पुरस्कार दिया। पुरस्कृत अधिकारियों में डॉ. दिनेश यशवंतराम पेंढ़ारकर मुम्बई, डॉ. सी.एम. त्रिपाठी उज्जैन, डॉ. ललित मोहन पंत इन्दौर, डॉ गोविन्द सिंह शिवपुरी, डॉ. प्रदीप अग्रवाल जबलपुर, डॉ. भरत वाजपेयी इन्दौर, डॉ. उर्मिला चोयल झाबुआ एवं कु. सुमित्रा किरार अलीराजपुर शामिल हैं।