Home Gujarat Ahmedabad मेगा अश्व शो : एक करोड़ के एनडी का छोटा भाई है सवालख

मेगा अश्व शो : एक करोड़ के एनडी का छोटा भाई है सवालख

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मेगा अश्व शो : एक करोड़ के एनडी का छोटा भाई है सवालख

Mega Horse show 2016

सूरत। राजगरी गांव में हुए मेगा अश्व शो में हिस्सा लेने से वंचित रहे एक करोड़ के नार्दन डांसर (एन.डी.) की गैर मौजूदगी में यह प्रतियोगिता का उसके छोटे भाई सवालख ने जीती।

इन दोनों घोड़ों के मालिक सूरत के किसान एवं भवन निर्माता हितेश देसाई ने बताया कि मारवाडी नस्ल के घोड़े में जो गुण होने चाहिए वे सब एनडी में मौजूद है।

उसका मुंह पतला है, गर्दन बिल्कुल परफेक्ट शेप में मुड़ी हुई है। खुर 45 डिग्री से अधिक शेप में मुड़े हुए है। पीठ इस तरह मुड़ी हुई है कि सवार को बेहतरीन संतुलन देने के दिखने में आकर्षक है। पुष्ठ भाग भी शेप में है।

सबसे महत्वपूर्ण है कान जो मध्यम आकार के है तथा उपर की तरफ थोड़े से मुड़े हुए है तथा किसी चीज पर फोकस करने पर एक दूसरे को छूते है। इसके अलावा आगे का बांया और पीछे का दांया पैर सफेद है। ऐसे घोड़े को अभिजीत माना जाता है।

एन.डी. राजस्थान के पुष्कर, तिलवाडा व कर्नाटक के बैंग्लुरु में हुए ब्रिड शो में अव्वल रह चुका है। सवालख में भी यह सब गुण है लेकिन एन.डी. से कुछ कमतर है। इन दोनों घोड़ों की मां एक ही है लेकिन पिता अलग अलग है। इन्हें राजस्थान के जोधपुर से खरीदा गया था।

देसाई ने बताया कि घोड़ों का शौक उन्हें विरासत में मिला है। बनासकांठा जिले के डिसा स्थित हमारे मूल निवास में मेरे दादा के पास दो घोड़े थे। उनकी ब्रिडिंग से तादाद बढ़ी है और सूरत में स्थाई होने पर हम घोड़ों को भी सूरत ले आए।

फिलहाल हमारे पास कुल 45 घोड़े है। इनके लिए हमारे फॉर्म हाउस में सौर उर्जा चलित शेड बनाए गए है तथा प्रशिक्षित केयर टेकर भी है। इन घोड़ों का हम किसी भी किस्म के रासायनिक खाद्यपदार्थ नहीं देते है। इनको दी जाने वाली सारी समाग्री हमारे फॉर्म में ही तैयार की जाती है।

बढ़ रहा है घोड़ों का क्रेज

कुछ वर्षो पूर्व तक उनके जैसे हितेश देसाई जैसे गिने चुने लोगों के पास उत्तम नस्ल के घोड़े थे। लेकिन फिर संभ्रात वर्ग में घोड़े पालने का शोक बढ़ा। सूरत हार्स सोसाइटी का गठन हुआ है। चार साल पूर्व राजगिरी में अश्व शो की शुरूआत की गई। शुरू में सोसाइटी से सिर्फ 100 लोग जुड़े थे फिलहाल 300 लोग जुड़े हैं।

मारवाडी नस्ल के घोड़े कम

देसाई ने बताया कि सूरत शहर व दक्षिण गुजरात में काठियावाडी व सिंधी नस्ल के घोड़े अधिक है। इनमें भी श्रेष्ठ कहे जाने वाले घोड़े तो बहुत ही कम है। पिछले कुछ समय मारवाडी नस्ल के श्रेष्ठ घोड़े लोकप्रिय हो रहे है फिलहाल 40-45 मारवाडी नस्ल के अच्छे घोड़े है।