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लुम्बिनी, जनकपुर नहीं जा पाएंगे प्रधानमंत्री मोदी

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pm modi’s lumbini and janakpur Muktinath visit cancelled

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दक्षिण एशिया सहयोग संगठन (सार्क) के 18 वें शिखर सम्मलेन में भाग लेने के अवसर पर केवल आधिकारिक कार्यक्रमों में ही शामिल होंगे तथा जनकपुर, लुम्बिनी और मुक्तिनाथ नहीं जायेंगे।

काठमांडु में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संग़ठन (सार्क ) के शिखर सम्मलेन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी अथवा नहीं इसे लेकर अनिश्चय की स्थिति बरक़रार है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान की ओर के अभी तक द्विपक्षीय वार्ता का कोई अनुरोध नहीं किया गया है। उन्होंने कहाकि वार्ता तभी संभव है जब वह सार्थक हो तथा नेताओं की प्राथमिकता में हो। प्रवक्ता ने मोदी शरीफ वार्ता के होने अथवा नहीं होने के बारे में कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि देश के भीतर प्रधानमंत्री की अपरिहार्य घरेलू प्रतिबद्धताओं और पूर्व निर्धारित यात्राओं के कारण, वह सार्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए केवल काठमांडू की यात्रा करेंगे।

प्रधानमंत्री दोनों देशों के बीच गहरे विशेष संबंधों को महत्व देते हैं। वह हर उस अवसर का स्वागत करेंगे जिसमें उन्हे नेपाल का दौरा करने और नेपाली नेतृत्व तथा लोगों के साथ बातचीत करने का मौका मिलेगा।

उन्होंने कहा कि नेपाल में जनकपुर, लुम्बिनी, मुक्तिनाथ और अन्य स्थानों की यात्रा करने का जब भी उन्हें प्रारंभिक अवसर मिलेगा वह इसमें तत्परता दिखाएंगे।
विदेश मंत्रालयल के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बारे बताया कि मोदी 25 नवंबर को अपराह्न काठमांडू के लिए रवाना होने तथा 27 नवंबर की रात्रि में नई दिल्ली वापस आ जायेंगे।

मोदी सार्क के सम्मलेन के उदघाटन सत्र में 26 नवंबर को पूर्वाह्न अपना नीति विषयक वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे। अन्य सार्क नेता भी अपने विचार व्यक्त करेंगे। इसके बाद के सत्र में सार्क नेता विदेशमंत्रियों द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट पर विचार करेंगे जिसमें सार्क दशों के बीच सहयोग के नए उपायों का ब्योरा होगा।

रिपोर्ट के जिन मुद्दों पर सार्क नेताओं की सहमति होगी उनसे सम्बंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। भारत ने अपनी ओर से सार्क देशों के बीच बिजली की आपूर्ति सम्बन्धी सहयोग समझौते का प्रस्ताव किया है। भारत संपर्क सुविधाओं के विस्तार, ऊर्जा, पर्यटन और आर्थिक क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है।इस दिन के शेष समय का उपयोग मोदी अन्य सार्क नेताओं से मिलने के लिए करेंगे। उनकी कोशिश होगी कि अधिक से अधिक नेताओं से मिला जाए।

अगले दिन 27 नवंबर को सार्क नेता काठमांडु के पास पर्यटन स्थल धुलिखेल जायेंगे जहाँ उन्हें अनौपचारिक विचार विमर्श करने का मौका मिलेगा। बाद में ये नेता काठमांडु लौट आएंगे जहाँ अपराह्न समापन समारोह होगा जिसमें ‘काठमांडु घोषणापत्र’ स्वीकार किया जाएगा। इस दिन नेपाली राष्ट्रपति विदेश नेताओं के सम्मान में रात्रिभोज देंगे जिसमें भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री स्वदेश के लिए रवाना हो जायेंगे।

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