Home India City News राजस्थान में एंबुलेंस घोटाले में सीबीआई ने की छापेमारी

राजस्थान में एंबुलेंस घोटाले में सीबीआई ने की छापेमारी

0
राजस्थान में एंबुलेंस घोटाले में सीबीआई ने की छापेमारी
rajasthan ambulance scam : cbi conducts raid at the residences of the directors of Ziqitza Health Care Limited
rajasthan ambulance scam : cbi conducts raid at the residences of the directors of Ziqitza Health Care Limited
rajasthan ambulance scam : cbi conducts raid at the residences of the directors of Ziqitza Health Care Limited

जयपुर/नई दिल्ली। सीबीआई ने जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के मौजूदा निदेशकों के रिहायशी परिसरों पर बुधवार को छापेमारी की।

राजस्थान की भाजपा सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि कंपनी के मौजूदा निदेशकों श्वेता मंगल, नरेश जैन और रवि कृष्ण के आवास पर छापेमारी की गई ।

सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि आईपीसी की धारा 420 धोखाधड़ी, 467 फर्जीवाड़ा, 468, 471 और 120-बी के तहत लोक सेवकों सहित मुंबई और जयपुर स्थित निजी कंपनियों के तत्कालीन निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। तकनीकी विशिष्टताएं जानबूझकर जोड़कर कंपनी के पक्ष में निविदा जारी करने में हुई कथित अनियमितता को लेकर मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से दर्ज प्राथमिकी में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कंपनी के कथित निदेशक और पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ती चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के पुत्र रवि कृष्ण, चिकित्जा हेल्थ केयर, इसकी निदेशक श्वेता मंगल, तत्कालीन स्वास्थ्य राज्य मंत्री दुरू मिर्जा और तत्कालीन एनआरएचएम निदेशक को नामजद किया गया था।

प्राथमिकी में नामजद सभी लोगों ने सीबीआई की ओर से लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा है कि इस मामले के जरिए सरकार ‘राजनीतिक बदला’ ले रही है। पायलट ने कहा है कि उन्होंने 2002 के अंत में या 2003 की शुरूआत में ही कंपनी से इस्तीफा दे दिया था जब वह सांसद भी नहीं बने थे।

इस्तीफा उस वक्त दिया जब कंपनी ने ‘गैर-लाभकारी’ उपक्रेम से ‘लाभ कमाने वाली’ कंपनी बनने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वह सामाजिक उद्देश्यों की वजह से ही कंपनी से जुड़े थे। सीबीआई ने दावा किया है कि कथित अपराध की अवधि 2010 से 2013 के बीच है। गहलोत ने भी मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया है।