Home Gujarat Ahmedabad शंकर सिंह वाघेला ने गुजरात में तीसरे मोर्चे की घोषणा की, खुद नहीं लडेंगे चुनाव

शंकर सिंह वाघेला ने गुजरात में तीसरे मोर्चे की घोषणा की, खुद नहीं लडेंगे चुनाव

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शंकर सिंह वाघेला ने गुजरात में तीसरे मोर्चे की घोषणा की, खुद नहीं लडेंगे चुनाव
Rebel Congress leader Shankersinh Vaghela announces third front in Gujarat
Rebel Congress leader Shankersinh Vaghela announces third front in Gujarat
Rebel Congress leader Shankersinh Vaghela announces third front in Gujarat

अहमदाबाद। बागी कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला ने यहां मंगलवार को गुजरात में एक तीसरे मोर्चे के गठन की घोषणा की।

एक संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करेत हुए वाघेला ने कहा कि यह कहना मिथक है कि गुजरात में कोई वैकल्पिक राजनीतिक बल काम नहीं कर सकता।

पिछले महीने कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह करने वाले वाघेला ने कहा कि लोग भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से उकता गए हैं और एक विकल्प के लिए बेताब हैं।

वाघेला ने कहा कि जनविकल्प कोई पार्टी नहीं बल्कि तीसरा मोर्चा होगा, इसके जरिये आप, बीजेपी या कांग्रेस के अच्छे प्रत्याशी को भी समर्थन देते हुए अपना प्रत्याशी बताया जा सकता है। इसका कोई एक चुनाव चिन्ह भी नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल से नहीं बल्कि एक मोर्चे से जुडे हैं। इससे जुडे लोगों ने कुछ बिंदुओं पर जनता से सर्वे किया जिसमें लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री के प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस के अहमद पटेल अथवा मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बेहतर माना है।

उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र होने के बावजूद दलों में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है और ये आलाकमान की व्यवस्था से चलते हैं। जनविकल्प इसके उलट एक प्रयोग है। वह नकारात्मक राजनीति नहीं करेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी अथवा राहुल गांधी पर व्यक्तिगत आक्षेप न कर उनकी सरकारों पर ही टिप्पणी करेंगे।

जनविकल्प में जनता से जुडे मुद्दों पर आधारित सिद्धांत को स्वीकार करने वाले सभी का स्वागत होगा चाहे वह किसी भी दल का हो। राज्य में सबसे अधिक युवाओं और महिलाओं के मुद्दों के समाधान की जरूरत है।

जनविकल्प ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल अथवा ओबीसी एकता मंच के अल्पेश ठाकोर से न तो संपर्क किया है न ही उन दोनो ने इससे कोई संपर्क किया है। जन विकल्प जाति आधारित राजनीति का समर्थक नहीं है।

यह गैर आरक्षित वर्गों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 25 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधानसभा और संसद की मदद से कानून बनाने का समर्थक है। यह आरक्षण मौजूदा साढे़ उन्चास प्रतिशत के अतिरिक्त होगा। तमिलनाडु में ऐसी व्यवस्था है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस छोड कर भाजपा में जाने वाले विधायक उनके इशारे पर नहीं गए बल्कि पार्टी ने उनकी बात न सुनकर एक तरह से उन्हें धक्का मार कर भाजपा में भेज दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र महेन्द्रसिंह वाघेला बीजेपी में जाएंगे या नहीं यह उन्हीं से पूछा जाना चाहिए।

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