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मोक्ष में जो सुख है वैसा और कहीं नहीं

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roop muni
roop muni addressing dharma sabha in nadol pali during chaturmas

नाडोल। लोकमान्य संत वरिष्ठ प्रवर्तक शेरे राजस्थान रूपमुनि महाराज ने कहा कि मोक्ष प्राप्त करने की तो बात सब करते हैं परन्तु शिवपुर प्राप्त करने का कार्य करने वाले नहीं के बराबर लोग है। वे मुक्ता मिश्री रूपसुकन दरबार मे बुधवार को आयोजित धर्मसभा मे प्रवचन कर रहे थे।…

उन्होंने कहा कि मोक्ष में जो सुख है वह कहीं पर नहीं है। मोक्ष में जाने के बाद मे जन्म मरण के सारे चक्र नष्ट हो जाते हैं। वहां पर संसार जैसा सुख नहीं है पर जो सुख वहां है  उसे किसी भी उपमा से अलंकृत नही कर सकते। वहां रही हुई आत्मा त्रिलोक दर्शी है।

तपस्वी रत्न अमृतमुनि ने कहा कि प्रार्थना आध्यात्मिक व्यायाम है। जैसे शरीर व्यायाम से पुष्ठ होता है वैसे ही प्रार्थना से आत्मबल व आत्मविश्वास बढ़ता है। जैसे अमृत बिना धोखे की वस्तु है वैसे ही प्रभ्भु प्राथना बिना धोखे की वस्तु है। बालयोगी अखिलेश मुनि ने कहा कि नम्रता द्वारा व्यक्ति अपने जीवन मे अनेक गुणों को प्राप्त कर सकता है। इस मौके पर सूरत वाले धर्मीचन्द चौपड़ा ने सुन्दर गितिका प्रस्तुत की।

बाहर से आए भ्भक्तों का रूपसुकन चातुर्मास समिति नाडोल के अध्यक्ष कांतीलाल जैन, महामंत्री हितैष चौहान, संयोजक जयचन्द कटारिया, सहमंत्री जगदीशसिंह राजपुरोहित, उपाध्यक्ष देवीचन्द बोहरा, सह संयोजक पोमाराम चौधरी, किशोर अग्रवाल, नथमल गंाधी, छगनलाल मेवाडा, उमाराम चौधरी, रूपमुनि महराज के निजी सचिव नरेन्द्र देवासी सहीत समिति सदस्यों द्वारा शॉल व माल्यार्पण से स्वागत किया गया। मंच सचालन जसनगर वाले महावीरचन्द बोरून्दिया ने किया।

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