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देश धर्म से उपर उठकर करें सेवा : मोहन भागवत

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देश धर्म से उपर उठकर करें सेवा : मोहन भागवत
RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat speaks at Rashtriya Seva Sangam, New Delhi
Wipro Chief Azim Premji speaks at Rashtriya Seva Sangam, New Delhi
Wipro Chief Azim Premji speaks at Rashtriya Seva Sangam, New Delhi

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने सेवा के महत्व पर ज़ोर देते हु कहा कि सेवा धर्म हैं जिसमें जीवन दान कर देना चाहिये, यह हमारी प्राचीन परंपरा का आदेश है। ऐसे में सबको सुखी देखना और इसके लिए स्वयं को अनुशासित करना ही धर्म है।

उन्होंने कहा कि सेवा का संघ और संप्रदाय से कोई लेना देना नहीं है यह तो आत्मियता का संबंध है जिससे प्रेरित होकर दुखियों के दुख दूर करने का प्रयास किया जाता है।

भागवत ने रविवार को राष्ट्रीय सेवा भारती के तत्वावधान में राष्ट्रीय सेवा संगम के तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन कहा कि सेवा अभाव के चलते ही आज देश पिछड़ा है। अब इसमें बदलाव आ रहा है और हम समर्थ बन रहे हैं। अब न केवल हम देश में बल्कि देश के बाहर भी सेवा का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सेवा केवल जिसकी सेवा की जा रही है उसे समर्थ बनाने के लिए करनी चाहिये न कि उसको निर्भर बनाकर अपना हित साधने के लिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा भारती का काम सेवा के कार्यों में लगी सज्जन शक्ति को आगे बढ़ाना है, जिसे अब विस्तार और गति की जरुरत है।

RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat speaks at Rashtriya Seva Sangam
RSS Sarasanghachalak Mohan Bhagwat speaks at Rashtriya Seva Sangam

कार्यक्रम में आए उद्योगपति अजीम प्रेमजी ने कहा कि जब वह यहां भागवतजी के अनुरोध पर आ रहे थे तो कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी जिसे उन्होंने दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक व्यक्ति नहीं है। वह देश और समाज को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं और संघ के काम की प्रशंसा करते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में हम सभी को मिलकर सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र को मज़बूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थान इनके मुकाबले में कहीं नहीं हैं। हर किसी को उसकी इच्छानुरुप शिक्षा मिले तो ही देश आगे बढ़ेगा।

जीएमआर ग्रुप के मालिक जीएमराव ने कहा कि हमें यह समझना चाहिये कि हम समाज को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। हमें भविष्य को देखकर काम करना होगा ताकि समाज में शांति और अमीरी गरीबी के अंतर को मिटाया जा सके। इसके लिए हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भविष्यदृष्टा बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने इस दिशा में काम करना भी शुरु कर दिया है और सरकार की ओर से लाई जा रही योजनायें इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।

 

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