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स्कूली एवं छात्रावास के विद्यार्थियों को मिलेंगे सांची दूध से बने पेय

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स्कूली एवं छात्रावास के विद्यार्थियों को मिलेंगे सांची दूध से बने पेय
sanchi milk and milk products for girl's schools, hostels in madhya pradesh

 

sanchi milk and milk products
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भोपाल। राज्य शासन ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और छात्रावास, आवासीय बालक विद्यालय एवं सीडब्ल्यूएसएन छात्रावासों के विद्यार्थियों को सांची दूध और उसके उत्पाद प्रदाय करने के संबंध में दुग्ध महासंघ से अनुबंध किया है।

महासंघ से संबद्ध भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर के दुग्ध संघों द्वारा सांची दूध प्रदाय किया जाएगा। इसका उद्देश्य बालिकाओं को दूध से बने गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाना है। दुग्ध उत्पादों में घी, पेड़ा, मठा, छेना खीर, श्रीखण्ड, लस्सी आदि पर प्रति बालक/बालिका 800 रुपए प्रतिमाह व्यय किया जाएगा।

शासन ने बालिका विद्यालय एवं छात्रावासों में एमओयू के अनुसार दूध एवं उसके उत्पाद प्रदाय करने के संबंध में सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। दुग्ध संघों द्वारा दूध एवं उसके उत्पाद रिटेलर दर पर उपलब्ध करवाने को कहा गया है। दुग्ध संघ समय-समय पर जरूरत के मुताबिक उत्पादों की दरों का पुनरीक्षण भी कर सकेंगे।

दुग्ध संघ वितरक के माध्यम से पेकिंग में ही उत्पाद उपलब्ध करवाएंगे। प्रदाय की गई सामग्री की प्राप्ति प्रभारी/वार्डन के हस्ताक्षर एवं सील सहित दो प्रति में ली जाएगी। उनके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दुग्ध उत्पाद खुले या टूटे-फूटे पेकिंग में तो नहीं मिले हैं। प्राप्ति के समय ही उसकी रसीद वितरक/प्रदायकर्ता को दो प्रति में दी जाएगी।

छात्रावास प्रभारी/वार्डन द्वारा दुग्ध संघ अथवा वितरक को दूध एवं उसके उत्पादों की मात्रा की दैनिक मांग हर माह के पहले सप्ताह में देना होगी। प्रतिमाह दुग्ध संघ को एक माह की संभावित मात्रा की राशि अग्रिम के रूप में दुग्ध संघ के खाते में 5 तारीख तक आवश्यक रूप से जमा करवाना होगी।

वितरक एवं सह-परिवहनकर्ता छात्रावास प्रभारी/वार्डन से हर माह के पहले सप्ताह में मांग प्राप्त कर उसके अनुसार प्रदायगी सुनिश्चित करेंगे। दुग्ध संघ प्रदाय किए गए दूध एवं उसके उत्पादों का देयक माह की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करेंगे।

दुग्ध संघ के प्रबंधक आदि अपने रूट में आने वाले छात्रावासों में दुग्ध की प्रदायगी और उसके भुगतान की कार्यवाही का अनुश्रवण कर लेखा-मिलान भी करेंगे।

शासन ने जिलों को सांची दूध और उसके उत्पादों को प्राप्त कर प्रदाय करने की तैयारियां  शुरू करने को कहा है। दुग्ध महासंघ के प्रबंध संचालक को समय-सीमा में विद्यालय एवं छात्रावासों में उनकी मांग के अनुसार सांची दूध और उसके उत्पाद उपलब्ध करवाने को कहा गया है।