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संत रामपाल समर्थकों और पुलिस के बीच भिड़ंत

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sant rampal vs haryana police operation will continue for the arrest of rampal

हिसार। हरियाणा के हिसार जिले में बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संत रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए सोमवार को की गई कार्रवाई के दौरान पुलिस और श्रद्धालुओं बीच भिड़ंत हो गई जिसमें कई पुलिस कर्मियों सहित 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। राज्य के डीजीपी ने साफ किया कि जब तक रामपाल की गिरफ्तारी नहीं होगी, कार्रवाई जारी रहेगी। इस बीच रामपाल कहां हैं और इतने हंगामे के बाद भी क्यों सामने नहीं आ रहे हैं, ये बड़ा सवाल बना हुआ है।

घटना के बाद क्षेत्र में माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ है। उधर, हरियाणा सरकार ने कहा कि आश्रम के अंदर और बाहर से लगभग दो हजार लोगों को सकुशल हटा दिया गया है। पुलिस महानिदेशक एसएन वशिष्ठ ने कहा है कि संत रामपाल आश्रम के अंदर ही हैं तथा उन्हें गिरफ्तार किए जाने तक पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी तथा वह उन्हें न्यायालय में पेश करके ही रहेगी।

rampal ashram
sant rampal vs haryana police operation will continue for the arrest of rampal

उन्होंने कहा कि आश्रम के बाहर और अंदर महिलाओं, बच्चों तथा अन्य निर्दोष लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने बेहद पेशेवर तरीके से काम कि या तथा इस दौरान धैर्य से काम लिया ताकि किसी प्रकार की जानमाल की हानि न हो। उन्होंने कहा कि संत रामपाल के कमांडो ने आश्रम की कि लेबंदी कर रखी है। उनके पास डंडे, लाठियां, पेट्रोल बम, हथियार और पत्थर हैं।

उन्होंने हालांकि पुलिस के मीडिया पर हमले और मारपीट किए जाने से भी इनकार किया। इस बीच पुलिस आश्रम के निकट पहुंच चुकी है तथा ऎसी सम्भावना दिखाई दे रही है कि वह रात के समय आश्रम पर धावा बोल सकती है। कुछ दिनों से आश्रम को घेर कर बैठी पुलिस ने सोमवार को सुबह जैसे ही आश्रम की ओर बढ़ना शुरू किया तो आश्रम के बाहर बैठी महिलाओं, बच्चों और संत रामपाल के कमांडों के साथ उसकी भिड़ंत हो गई। इस बीच आश्रम के ऊपर मौजूद अनुयायियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने आश्रम के बाहर अनुयायियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े तथा वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

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बताया जाता है कि इस दौरान आश्रम के अंदर से भी पुलिस पर फायरिंग हुई। पुलिस ने इस दौरान घटना की कवरेज कर रहे मीडिया को भी नहीं बख्शा। पुलिस की इस कार्रवाई में कई मीडियाकर्मी घायल हो गए और उनके कैमरे और अन्य उपकरण टूट गए। पुलिस ने मीडिया को इस कार्रवाई की कवरेज से दूर रखने के लिए अवरोधक भी लगा रखे थे। उस पर मीडिया के कैमरे छीनने के भी आरोप लगे हैं। पुलिस की इस कार्रवाई में लगभग 170 लोग घायल हुए जिनमें लगभग 70 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। घायलों में महिलाएं, बच्चे और पत्रकार भी शामिल हैं। आश्रम के बाहर मौजूद कई एम्बूलेंस में घायल लोगों ले जाते देखा गया।

घायलों को हिसार, बरवाला, अग्रोहा और उकलाना के अस्पतालों में दाखिल कराया गया है। पुलिस ने आश्रम की दीवार का एक हिस्सा ढहा दिया है। रामपालकी “निजी सेना” के कई कमांडो आश्रम की छत पर मौजूद हैं। कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल ने मीडियाक र्मियों पर पुलिस के हमले की निंदा की है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार पर स्थिति से निबटने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाने के साथ मीडिया के साथ मारपीट किए जाने की भी निंदा की है। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी मीडिया पर पुलिस के हमले को निंदनीय बताया है तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

इससे पहले सोमवार जब पुलिस के आश्रम की ओर आगे बढ़ने का प्रयास किया था तो संत रामपाल समर्थकाें ने अपने ऊपर तेल छिड़क कर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। पुलिस ने इन्हें बमुश्किल रोका था और कार्रवाई बीच में ही रोक कर वापिस लौट गई। उललेखनीय है कि प ंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने संतरामपाल को 21 नवम्बर को अदालत में पेश करने के हरियाणा सरकार को निर्देश दिए हैं। संत रामपाल को इससे पहले सोमवार को कोर्ट में पेश होना था लेकिन अस्वथता की दलील देते हुए वह पेश नहीं हुए। इस तीसरी बार है जब वह अदालत में पेश नहीं हुए। इससे पहले संत रामपाल गत पांच नवम्बर को तथा इसके बाद 10 नवम्बर को पेशी के वारंट जारी होने पर भी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर राज्य सरकार और पुलिस महानिदेशक को उन्हें गिरफ्तार कर हर हालत में 17 नवम्बर को पेश करने क ा निर्देश दिए थे।

पत्रकारों की पिटाई, पुलिस महानिदेशक को नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हरियाणा में संत रामपाल के आश्रम के बाहर कवरेज करने गये मीडियाकर्मियों पर पुलिस कार्रवाई की शिकायत का संज्ञान लेते हुए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। आयोग के मंगलवार को जारी वक्तव्य में कहा गया है कि यदि शिक ायत में लगाए गए आरोप सही हैं तो यह मीडियाकर्मियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसे देखते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार पुलिस ने संतलोक आश्रम के बाहर मीडियाकर्मियों पर भी लाठीचार्ज किया।