Home Gujarat Ahmedabad राजद्रोह का मामला : विपुल और चिराग की जमानत याचिका नामंजूर

राजद्रोह का मामला : विपुल और चिराग की जमानत याचिका नामंजूर

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राजद्रोह का मामला : विपुल और चिराग की जमानत याचिका नामंजूर
sedition case : surat court rejects bail plea of 2 patidar youths
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सूरत। राजद्रोह के मामले में गिरतार पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के सदस्य विपुल देसाई और चिराग देसाई की नियमित जमानत याचिका गुरुवार को सेशन कोर्ट ने नामंजूर कर दी। कोर्ट ने फैसले में कहा कि अभियुक्त पाटीदार आरक्षण आंदोलन के सदस्य है। मामले की जांच जारी है। उन्हें जमानत पर रिहा किए जाने से सबूतों के साथ छेडख़ानी हो सकती है।

मोटा वराछा कृष्णा टाउनशिप निवासी अभियुक्त विपुल रसिक देसाई और चिराग कानजी देसाई को पुलिस ने 7 जनवरी, 2016 को अमरोली थाने में दर्ज राजद्रोह के मामले में गिरतार किया था। एक महीने से लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद दोनों ने वकील यशवंत वाला और रोहन पानवाला के जरिए सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थीं।

दोनों के खिलाफ सिर्फ आईपीसी की धारा 201 के तहत आरोप होने के अलावा उनकी कोई लिप्तता नहीं होने की दलील के साथ बचाव पक्ष ने जमानत याचिका मंजूर करने की कोर्ट से मांग की थी। सरकारी अधिवक्ता नयन सुखड़वाला ने दोनों के खिलाफ जांच जारी होने और चार्जशीट पेश करने की बाकी होने का बताते हुए याचिका खारिज करने की मांग की थी।

12 फरवरी को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 18 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए दोनों अभियुक्तों की जमानत याचिका नामंजूर कर दी।

गौरतलब है कि विपुल देसाई की ओर से आत्महत्या करने की घोषणा करने के बाद 3 अक्टूबर को उससे मिलने पहुंचे हार्दिक पटेल ने पुलिस के खिलाफ भड़काउ बयान दिया था। बयान को लेकर डिप्टी पुलिस आयुक्त मकरन्द चौहाण ने 18 अक्टूबर को अमरोली थाने में राजद्रोह की शिकायत दर्ज करवाई थी।

19 अक्टूबर को हार्दिक पटेल की गिरतारी के बाद सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में पुलिस ने विपुल देसाई और चिराग देसाई को भी अरेस्ट कर लिया था।